श्रीमहंत हरि गिरि महाराज की अध्यक्षता में पांच दिवसीय यात्रा में विश्व भर के लाखों श्रद्धालु शामिल हुए
प्रयागराजः
प्रयागराज की ऐतिहासिक पंचकोसी परिक्रमा यात्रा का शुक्रवार को समापन हो गया। परिक्रमा यात्रा में अंतिम दिन देश-विदेश से आए हजारों श्रद्धालु शामिल रहे। अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज की अध्यक्षता में शुक्रवार को संगम स्नानोपरांत दर्शन पूजन कर यात्रा का शुभारंभ किया गया। पंचकोसी परिक्रमा यात्रा संगम से कलश में गंगाजल लेकर महर्षि भारद्वाज के आश्रम पहुंची जहां महर्षि भारद्वाज की मूर्ति का जलाभिषेक किया गया। महर्षि भारद्वाज की मूर्ति के जलाभिषेक के बाद यात्रा संगम स्थित श्री आदि माधव जी का दर्शनण्पूजन के पश्चात संगम तट पर त्रिवेणी मार्ग स्थित दत्तात्रेय शिविर पहुंची जहां सांस्कृतिक कार्यक्रम व महाप्रसाद के साथ यात्रा का समापन हुआ। श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने कहा कि प्रयागराज की पंचकोसी परिक्रमा का बहुत अधिक महत्व है। यह यात्रा न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करती है, बल्कि सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों से भी जोड़ती है। पंचकोसी परिक्रमा भगवान से जुडने व भगवान को प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करती है।





प्रयागराज में यह यात्रा अनादिकाल से ही होती आ रही थी, जिसे अकबर ने बंद करवा दिया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के प्रयासों से इस यात्रा को पुनः शुरू कराया गया है ताकि प्रयागराज की पूरे विश्व में अलग पहचान तो बने ही साथ ही भक्तों को यात्रा के माध्यम से पौराणिक महत्व के धर्मस्थलों के साथ सनातन धर्म की गौरवशाली, वैभवशाली व महान आध्यात्मिक, सांस्कृतिक व शैक्षणिक विरासत व परम्परा के दर्शन भी हो सकें। श्री दूघेश्वर पीठाधीश्वर व श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि प्रयागराज के पौराणिक मंदिरों में द्वादश माधव मंदिरों का विशेष महत्व है और इन्हीं में से एक श्री वेणी माधव को प्रयागराज के नगर देवता के रूप में पूजा जाता है। परिक्रमा यात्रा के दौरान सभी माधव मंदिरों के साथ अन्य प्रमुख व प्राचीन मंदिरों के भी दर्शन-पूजन श्रद्धालुओं ने किए। अनंत माधव के मंदिर से हुई। पांच दिनों की यात्रा में देश भर प्रमुख संत और अखाड़ों के लोग भी शामिल हुए। महाराजश्री ने कहा कि परिक्रमा यात्रा इस संकल्प के साथ सम्पन्न हुई कि अगले वर्ष इस यात्रा को और अधिक भव्य बनाया जाएगा ताकि अधिक से अधिक भक्त इसका लाभ उठा सकें। परिक्रमा यात्रा में अंतिम दिन सिद्ध आश्रम जूनागढ के महंत जूना अखाडा के निर्वाण मंत्री शैलजानंद गिरि महाराज, सुनीता गिरि महाराज, महंत अतुल गिरि महाराज मुलुक्त पटियाला, महामंडलेश्वर भवानी नंदन गिरि महाराज,, जूना अखाडे के कानूनी सलाहकाीर मुनी लाल पांडे, दिल्ली गेट द्वारका पुरी गाजियाबाद के महंत गिरिशानंद गिरि महाराज, सूचना विभाग के डायरेक्टर जनरल पी एन द्विवेदी चंडिका प्रसाद पांडे आदि भी शामिल रहे।