वृंदावन (मथुरा) में श्री राधा दामोदर जी के 479 वें प्राकट्योत्सव( 22 फ़रवरी 2021)–माघ शुक्ल दशमी पर श्री राधादामोदर मंदिर में सोमवार को राधे-राधे की गूंज के साथ प्राकट्योत्सव का आयोजन किया गया। इस दौरान सुबह श्री विग्रह का अभिषेक किया। वहीं, प्राकट्य की बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। इस मौके पर शयन आरती तक मंदिर में आयोजन चलता रहा।
संवत 1599 सन 1543 की माघ शुक्ल दशमी के दिन श्रीरूप गोस्वामी ने यहाँ राधा दामोदर जी(radha damodar ji) के विग्रहों की स्थापना करके उनकी सेवा का भार जीव गोस्वामी को सौंपा।
अति प्राचीन श्री राधा दामोदर मंदिर के श्री विग्रह के प्राकट्योत्सव पर सोमवार सुबह से ही पूजा अर्चना प्रारंभ हो गई। इस अवसर पर सुबह करीब दस बजे मंत्रोच्चार के बीच आचार्य गंगा प्रसाद गोस्वामी पूर्ण चंद गोस्वामी, कृष्ण बलराम, करुण गोस्वामी ने पंचामृत अभिषेक कराया।
गिरिराज गोवर्धन की परिक्रमा का फल:-
प्राचीन श्रीराधा दामोदर मंदिर वृंदावन में स्थित है। इसकी चार परिक्रमाएँ करने से गिरिराज गोवर्धन की परिक्रमा का फल मिलता है। साढ़े चार सौ वर्ष पुराने इस मंदिर की परिक्रमा करने से उसमें विराजमान गिरिराज शिला की स्वतः परिक्रमा हो जाती है। इसकी एक किलोमीटर से भी कम की चार परिक्रमाएँ करने से श्रृद्धालु गिरिराज गोवर्धन की सात कोस (25 किलोमीटर) लम्बी परिक्रमा का पुण्य अर्जित कर लेता है।
श्रीमहन्त नारायण गिरि जी श्री ( दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर अन्तर्राष्ट्रीय प्रवक्ता सचिव श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा) 479 वें श्री राधादामोदर जी (वृन्दावन ) के प्राकट्योत्सव पर दी मंगल बधाइयाँ।