गाजियाबादः
श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष, हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष व श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि ने कहा कि इस बार रक्षाबंधन पर्व 31 अगस्त को मनाना ही शुभ होगा। मंदिर में भी उसी दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा। श्रीमंहत नारायण गिरि ने बताया कि रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। यदि उस दिन भद्रा होती है तो बहनें भाई को राखी नहीं बांधती हैं क्योंकि भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है। इस साल भी रक्षाबंधन के त्योहार पर भद्रा का साया है।
रक्षाबंधन कब मनाया जाए:-
रक्षाबंधन कब मनाया जाए इस कारण असमंजस की स्थिति बन गई है कि। इस साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त को सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर प्रारंभ हो रही है और इसका समापन 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर हो रहा है। जिस समय से श्रावण पूर्णिमा तिथि शुरू हो रही है, उसी समय से ही भद्रा भी लग रही है। ऐसे में राखी बांधना शुभ नहीं होगा। भद्रा सुबह 10 बजकर 58 मिनट से शुरू हो रही है और यह रात 09 बजकर 01 मिनट तक रहेगी। ऐसे में रात्रि 09 बजकर 01 मिनट के बाद राखी बांधी जा सकती है, मगर आमतौर पर रात्रि में राखी नहीं बांधी जाती है। ऐसे में राखी बांधने का सही व शुभ दिन 31 अगस्त ही रहेगा, मगर 31 अगस्त को समय का ध्यान अवश्य रखें क्योंकि श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक रहेगी। सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक राखी बांधना बहुत ही शुभ रहेगा क्योंकि 31 अगस्त को सुबह सुकर्मा योग भी रहेगा। सुकर्मा योग बेहद शुभ योग होता है.
रक्षाबंधन का त्यौहार क्यों मनाया जाता है?
यह त्योहार भाई-बहन के खट्टे-मीठे और सौहार्दपूर्ण रिश्ते की याद दिलाता है। इस दिन बहनें भाई के तिलक करके उसके राखी बांधकर लंबी उम्र की कामना करती हैं और भाई अपनी बहनों की प्रतिष्ठा की सदा रक्षा करने का वचन देता है।