संसार रूपी भवसागर से पार पाने के लिए राम नाम की नौका का सहारा लेना होगाः श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज 9 जुलाई को राम कथा विश्राम लेगी
गाजियाबादः वशिष्ठ पीठाधीश्वर ब्रह्मॠषि वेदांती महाराज ने कहा कि राम कथा चंद्रमा की किरण के समान है। वहीं कथा का श्रवण करने वाले चकोर पक्षी है। जिस प्रकार स्वाति नक्षत्र के जल की बूंद चकोर पक्षी की प्यास को शांत करती हैए ठीक उसी प्रकार राम कथा श्रद्धालुओं की आत्मिक प्यास को शांत करती है। श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में संत सनातन कुंभ में आयोजित बाल्मीकि रामायण रामकथा के आठवें दिन वशिष्ठ पीठाधीश्वर ब्रह्मॠषि वेदांती महाराज ने कहा कि श्री राम कथा हाथ की सुंदर ताली हैए जो संदेह रूपी पक्षियों को उड़ा देती है। कलियुग रूपी वृक्ष को काटने की कुल्हाड़ी भी राम कथा ही है। वेदों ने भगवान राम के सुंदर नामए गुणए चरित्रए जन्म व कर्म सभी अनगिनत कहे हैं।
जिस प्रकार भगवान श्री राम अनन्त हैं, उसी तरह उनकी कथा, कीर्ति और गुण भी अनंत हैं। श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वरए श्रीपंच दशनाम जूना अखाडा अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने कहा कि संसार रूपी भवसागर से पार पाने के लिए राम नाम की नौका का सहारा लेना होगा। भगवान राम नाम पर विश्वास करके जो भी इस नौका में बैठ जाएगा, भगवान राम की कृपा से उसका बेडा पार हो जाएगा। श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज के पावन सानिध्य में आयोजित बाल्मीकि रामायण राम कथा मंगलवार 9 जुलाई को विश्राम लेगी। 10 जुलाई को श्रद्धांजलि सभा होगी जिसके बाद भंडारे का आयोजन होगा। कथा में श्रीमहंत हरि गिरी महाराज, महंत शैलेंद्र गिरी महाराज मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री नरेंद्र कुमार कश्यप, भाजपा के महाराष्ट्र प्रांत के उपाध्यक्ष पवन कुमार त्रिपाठी, बीके शर्मा हनुमान, शशि नागर, महंत गिरीशानंद गिरी महाराज प्राचीन देवी मंदिर दिल्ली गेट, श्मशानवासिनी महंत कैलाश गिरी महाराज, बाबा लाल मंदिर के पंडित महेश वशिष्ठ, डॉ रघुवंश दास वेदांती महाराज आदि मौजूद रहे।