राजस्थानः
सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर के पीठाधीश्वर, जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता एवं दिल्ली संत मंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने राजस्थान की दो दिवसीय धर्म चेतना यात्रा के पहले दिन गुरुवार को अनेक प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों व मंदिरों के दर्शन कर पूजा-अर्चना की। इस दौरान महाराजश्री से आशीर्वाद लेने के लिए भक्तों का तांता लगा रहा।
श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने जगद्गुरु स्वामी महेंद्रानंद गिरि महाराज व श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान के संयोजक कुंवर हरिशचंद्र सिंह के साथ बालोतरा शिव तालाब में नर्वदेश्वर महादेव का अभिषेक किया। उन्होंने विश्व प्रसिद्ध श्री राणी भटियाणी मंदिर, मेघवाल समाज के मेघ धारू जी समाधि स्थल, मलिनाथ में विराजमान भैरव महाराज व श्री नाकोड़ा भैरव बालोतरा में भी दर्शन-पूजन किया।
श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान के अध्यक्ष रावल किशन सिंह से मुलाकात की। सभी स्थानों पर महाराजश्री का आशीर्वाद लेने के लिए भक्तों की भीड़ लगी रही।
श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने बताया कि विश्व प्रसिद्ध श्री राणी भटियाणी मंदिर माता रानी भटियाणी को समर्पित है, जिन्हें प्रेमपूर्वक माजीसा भी कहा जाता है। मंदिर की ख्याति देश-विदेश में है, इसी कारण यहां प्रतिदिन भक्तों का मेला लगा रहता है।
बालोतरा के निकटवर्ती मेवानगर में स्थित मेघवाल समाज के परम आराध्य मेघनाथ जी महाराज के समाधि स्थल के संस्थापक लूम्बनाथ जी महाराज के धूने पर स्वयं लूम्बनाथ जी द्वारा किया गया चमत्कार आज भी विज्ञान को चुनौती दे रहा है — १०८ मनकों की रुद्राक्ष माला, श्रीफल और मेघ धारू जी के दो टूटे दांत इस समाधि के साक्षी हैं। इस धूने पर एक ऐसा अद्भुत, अजब-गजब चमत्कार हुआ जिसे आज भी प्रत्यक्ष देखा जा सकता है।
विक्रम संवत २०२१ में लूम्बनाथ जी महाराज ने अपने परम शिष्य को पुत्र रत्न की प्राप्ति का आशीर्वाद दिया था। जिस समय उन्होंने आशीर्वाद दिया, उसी समय पालक कुत्ता मर गया। लूम्बनाथ जी महाराज ने कहा कि नौ महीने बाद यही कुत्ता तुम्हारे घर मानव रूप में जन्म लेगा और इसका प्रमाण यह होगा कि उसकी आंखों से निरंतर पानी बहता रहेगा। उनकी बात पूर्णतः सत्य सिद्ध हुई — उनके शिष्य के घर जिस पुत्र ने जन्म लिया, वह आज भी जीवित है और महाराजश्री के वचनानुसार उसकी आंखों से आज भी निरंतर जल बहता है।
श्री नाकोड़ा भैरव बालोतरा सिद्धपीठ है, जहां भगवान शंकर स्वयं भैरव रूप में विराजमान हैं। उनकी पूजा-अर्चना से प्रत्येक संकट और कष्ट का निवारण होता है।
महाराजश्री शुक्रवार को शंकर स्वरूप ब्रह्मचारी के चातुर्मास के समापन समारोह में शामिल होंगे और उसके पश्चात भगवान दूधेश्वर की सेवा में उपस्थित होंगे।












जगदगुरू स्वामी महेंद्रानंद गिरि महाराज व श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने रावल किशन सिंह को सम्मानित किया:-
श्री राणी भटियाणी मन्दिर संस्थान के अध्यक्ष रावल किशन सिंह व कुंवर हरिशचंद सिंह ने 650 तीर्थयात्रियों को प्रयागराज महाकुंभ, अयोध्या व वृंदावन धाम की निशुलक यात्रा कराई थी
राजस्थान
विश्व प्रसिद्ध श्री राणी भटियाणी मन्दिर में आशीर्वाद समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में 650 यात्रियों को प्रयागराज महाकुंभ, अयोध्या धाम व वृंदावन धाम की निशुलक यात्रा कराने के लिए श्री राणी भटियाणी मन्दिर संस्थान के अध्यक्ष रावल किशन सिंह को सम्मानित किया गया। जगदगुरू स्वामी महेंद्रानंद गिरि महाराज मचकंद गुफा जूनागढ व सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर के पीठाधीश्वर, जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता एवं दिल्ली संत मंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने रावल किशन सिंह को भगवान शिव का चित्र भेंटकर सम्मानित किया।
650 यात्रियों को प्रयागराज महाकुंभ, अयोध्या धाम व वृंदावन धाम की निशुल्क यात्रा :-
जिन यात्रियों को प्रयागराज महाकुंभ, अयोध्या धाम व वृंदावन धाम की निशुल्क यात्रा कराई गई, उनका अभिनंदन भी किया गया। संस्थान की ओर से जगदगुरू स्वामी महेंद्रानंद गिरि महाराज व श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज का स्वागत-अभिनंदन किया गया। 650 यात्रियों को प्रयागराज महाकुंभ, अयोध्या धाम व वृंदावन धाम की निशुल्क यात्रा 13 बसों के द्वारा कराई गई थी और इसकी पूरी व्यवस्था श्री राणी भटियाणी मन्दिर संस्थान के अध्यक्ष रावल किशन सिंह के नेतृत्व में की गई थी। यात्रा मंदिर के सदस्य व यात्रा के संयोजक कुंवर हरिशचंद सिंह ने कराई थी, जिनकी व्यवस्था व यात्रा के दौरान उपलब्ध कराई गई सुविधाओं की सभी ने सराहना की थी। जगदगुरू स्वामी महेंद्रानंद गिरि महाराज ने कहा कि श्री राणी भटियाणी मन्दिर विश्व भर में धार्मिक, आध्यात्मिक, भारतीय शिक्षा व ंसंस्कृति का प्रमुख केंद्र है और मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए विश्व भर से भक्त आते हैं। श्री राणी भटियाणी मन्दिर संस्थान ने अध्यक्ष रावल किशन सिंह के नेतृत्व व कुंवर हरिशचंद्र सिंह के संयोजन में धर्म व समाज सेवा की ऐसी मिसाल कायम की है कि जिससे आज देश भर के लोग प्रेरणा ले रहे हैं।
श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा :- कि माता रानी भटियानी को समर्पित श्री राणी भटियाणी मन्दिर की महिमा को शब्दों से व्यक्त नहीं किया जा सकता है। मंदिर की ऐसी महिमा है कि यहां आकर जो भी सच्चे मन से पूजा-अर्चना कर लेता है, माता रानी उसकी खाली झोली को भर देती हैं। यहां से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटता है और मां उनकी सभी मनोकामना पूर्ण करती हैं। महाराजश्री ने कहा कि श्री राणी भटियाणी मन्दिर संस्थान ने अध्यक्ष रावल किशन सिंह के नेतृत्व व कुंवर हरिशचंद्र सिंह की देखरेख में मंदिर में आने वाले भक्तों को जो सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, वे बेमिसाल हैं। नवरात्र में यहां प्रतिदिन लाखों भक्तों का मेला लगता है, फिर भी भक्तों को कोई परेशानी नहीं होती है और पूर्ण श्रद्धा व भक्ति से मां की आरोधना कर अपने जीवन को सफल बनाते हैं तो इसका श्रेय रावल किशन सिंह व कुंवर हरिशचंद सिंह को ही है। श्री राणी भटियाणी मन्दिर संस्थान अध्यक्ष रावल किशन सिंह व कुंवर हरिशचंद्र सिंह के नेतृत्व में समाजसेवा में हमेशा आगे रहता है। जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा से लेकर चिकित्सा आदि सुविधाएं की जिम्मेदारी संस्थान ने ले रखी है।
निर्धन कन्याओं का विवाह भी संस्थान हर वर्ष कराता है। ऐसे लोग जो आर्थिक संकट के चलते तीर्थयात्रा पर नहीं जा पाते हैं, रावल किशन सिंह व कुंवर हरिशचंद्र सिंह के नेतृत्व में संस्थान उन्हें निशुल्क यात्रा कराता है। प्रयागराज महाकुंभ के दौरान 650 लोगों को ना सिर्फ प्रयागराज महाकुंभ में स्नान कराया गया, वरन पूरे विश्व में भारत की पहचान अयोध्या धाम में रामलला, वृंदावन में श्री बांके बिहारी व मथुरा में कृष्ण जन्म भूमि के दर्शन भी कराए गए। रावल किशन सिंह ने कहा कि यह भगवान राम, भगवान महादेव, माता राणी भटियानी की कृपा, जगदगुरू स्वामी महेंद्रानंद गिरि महाराज तथा श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज जैसे संतों का आशीर्वाद ही है कि श्री राणी भटियाणी मन्दिर संस्थान समाज के लिए कुछ योगदान कर पा रहा है। संस्थान का एकमात्र लक्ष्य नर सेवा नारायण सेवा है और इसके लिए संस्थान का प्रत्येक सदस्य पूर्ण रूप से संकल्पित है। कुंवर हरिशचंद्र सिंह ने कहा कि नारायण को प्राप्त करने के लिए उनकी सच्ची पूजा करनी होगी और उनकी सच्ची पूजा नर सेवा ही है। श्री राणी भटियाणी मन्दिर संस्थान धर्म व समसज की सेवा के लिए दिन-रात तत्पर है। कुंवर हरिशचंद सिंह ने सभी तीर्थ यात्रियों का अभिनंदन किया व सभी का आभार जताया। श्री दूधेश्वर वेद विद्या संस्थान के प्रधानाचार्य तयोराज उपाध्याय भी मौजूद रहे।








श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान के सदस्य कुंवर हरिश्चंद्र सिंह भी यात्रा में महाराजश्री के साथ रहे।
राजस्थानः
सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर के पीठाधीश्वर, जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता एवं दिल्ली संत मंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने राजस्थान की धार्मिक चेतना यात्रा के अंतिम दिन अनेक प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों का दर्शन किया। साथ ही कई प्रसिद्ध संतों से भी भेंट की। महाराजश्री ने मंदिरों में पूजा-अर्चना कर भक्तों को आशीर्वाद भी दिया। महाराजश्री ने विश्व प्रसिद्ध श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान के सदस्य व संयोजक कुंवर हरिश्चंद्र सिंह के साथ सिद्धपीठ जालोर के कानीवाड़ा स्थित श्री कानीवाड़ा हनुमान मंदिर के दर्शन किए और हनुमान जी की पूजा-अर्चना की। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने बताया कि श्री कानीवाड़ा हनुमान मंदिर चमत्कारिक मंदिर है। इस मंदिर की महत्ता इतनी है कि देश भर से भक्त हनुमान जी के दर्शन करने के लिए यहां आते हैं।
हनुमान जी की यह मूर्ति सूर्यमुखी है।:-
यहां 500 साल पहले हनुमान जी की मूर्ति खुद प्रकट हुई थी। हनुमान जी की यह मूर्ति सूर्यमुखी है। कानीवाड़ा मंदिर संगमरमर के पत्थर से बना है लेकिन इस मंदिर में छत नहीं है। इस मंदिर में लोगों की हर मुराद पूरी होती है। निःसंतान को संतान की प्राप्ति होती है। इस मंदिर में 13 अखंड जोत जलती हैं। इस मंदिर में लोग जो भी मनोकामना लेकर आते हैं उसके पूरी होने पर वे अपनी-अपनी अखंड जोत जलाते हैं। यह मंदिर सामाजिक समरसता का प्रतीक है। यहां बरसों से दलित पुजारी ही पूजा करते और करवाते आ रहे हैं। ये पुजारी खुद को गर्गाचार्य की संतान बताते हैं। करीब 10 पीढ़ियों से चार परिवारों के वंशज ही इस मंदिर के पुजारी हैं। महाराजश्री ने पाली जिले में स्थित भगवान शिव को समर्पित निंबेश्वर महादेव, जिसे निम्बो का नाथ महादेव मंदिर भी कहा जाता है, में भगवान शिव के दर्शन कर उनकी पूजा-अर्चना की और जगत सिंह से भेंट की।
श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने बताया :-कि निम्बो का नाथ महादेव मंदिर राजस्थान के प्रमुख मंदिरों में शामिल है। यहां पर वनवास के दौरान कुंती ने भगवान शिव की आराधना की थी। ऐसा भी कहा जाता है कि पांडवों ने इसी स्थान पर नवदुर्गा की स्थापना की थी, जिनकी पूजा आज भी की जाती है। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कुंवर हरिश्चंद्र सिंह के साथ सदर बाजार सिवाना गुरु महाराज अमर समाधि मंदिर में दर्शन कर मंदिर में विराजमान सिद्ध संतों की समाधि की पूजा-अर्चना की और मंदिर के वर्तमान गादीपति 1008 नृत्य गोपाल राम महाराज व गोपाल राम महाराज से भेंट की। महाराजश्री ने बताया कि मंदिर में वर्ष भर हजारों श्रद्धालु आते हैं और यहाँ मौजूद पांच महान तपधारी महात्माओं की जीवित समाधियों के दर्शन कर भाव-विभोर हो उठते हैं। यह मंदिर कई सदियों से आस्था, भक्ति व श्रद्धा का केंद्र है। महाराजश्री व कुंवर हरिश्चंद्र सिंह जालोर की देव नगरी चवरछा में श्री श्री 1008 गुरुदेव शंकर रूवरूप ब्रह्मचारी महाराज के चातुर्मास के समापन समारोह में भी शामिल हुए। उन्होंने बताया कि गुरुदेव शंकर रूवरूप ब्रह्मचारी महाराज सिद्ध संत हैं और धर्म के साथ समाज सेवा के लिए भी समर्पित हैं। महाराजश्री शनिवार को भगवान दूधेश्वर की सेवा में उपस्थित होंगे।
चरण नमन गुरुदेव 🙏
आप गुरु आशीर्वाद से भक्तों का जीवन धन्य है
ओम नमो नारायण 🙏💐