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संतों को धर्म व आध्यात्म के साथ देशभक्ति की ज्योत भी प्रज्जवलित करनी होगीः श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज

महाराज श्री प्राचीन श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में आयोजित महासंत सम्मेलन के मुख्य अतिथि रहे
गुरूग्रामः
वाटिका कुंज स्थित प्राचीन श्री लक्ष्मी नारायण मठ मंदिर के वार्षिकोत्सव में रविवार को महासंत सम्मेलन का आयोजन किया गया। महासंत सम्मेलन के मुख्य अतिथि सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मठ मंदिर गाजियाबाद के पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता व दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज रहे। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि रूस-यूक्रेन, इजराइल-हमास के बाद इजराइल व ईरान के बीच युद्ध शुरू हो गया है। ऐसी परिस्थितियों में संतों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है। संतांें को देशवासियों को एकुजट करने के लिए आगे आना होगा ताकि हम प्रत्येक चुनौती का सामना कर सकें।

प्राचीन श्री लक्ष्मी नारायण मठ मंदिर की पीठाधीश्वर श्रीमहंत माता साध्वी प्रेम गिरि महाराज व महंत अशोक गिरि महाराज धर्म व आघ्यात्म की ज्योत प्रज्जवलित करने के साथ लोगों के अंदर देशभक्ति की भावना भी पैदा कर रहे हैं और यही आज के समय की जरूरत भी है। हमारे अंदर देशभक्ति होगी तो हम हर चुनौती से पार पाने में सक्षम होंगे। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत कंचन गिरि महाराज व महंत धीरेंद्र पुरी महाराज, दिल्ली संत महामंडल की पूर्व अध्यक्ष महामंडलेश्वर साध्वी विद्यानंद गिरि महाराज, महंत साध्वी कैलाश गिरि महाराज, कोतवाल मंगलदास महाराज, महंत साध्वी जमना गिरि महाराज, गोविंद पुरी महाराज शक्ति मंदिर कालका एक्सटेंशन, महामंडलेश्वर साध्वी कमलेश गिरि महाराज आदि भी मौजूद रहे। श्रीमहंत माता साध्वी प्रेम गिरि महाराज व महंत अशोक गिरि महाराज ने महाराज व सभी संतों का स्वागत अभिनंदन किया। भंडारे में हजारों संतों व भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। मंदिर में सोमवार को सांय 4 बजे से संगीतमय सुंदरकांड का पाठ होगा।

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