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हर्षोउल्लास के साथ निकली पंखा शोभा यात्रा

जय दूधेश्वर महादेव
।।4 दिवसीय दूधेश्वर होली महोत्सव।।
रंगो का त्यौहार रंगोत्सव वंसतोत्सव -विश्व एक रंग मंच है हम सभी इस रंग मंच पर अपनी नाटिका को पूर्ण करके भगवान शिव के चरणो मे चले जाना है भारतीय वैदिक संस्कृति मे होलीकोत्सव का बहुत बडा महत्व है ,रंगो का बहुत बडा महत्व है व्यक्ति अपने सारे राग द्वेष भूलकर अपने शत्रु को भी गुलाल का तिलक लगाकर अपनी कटुता को भूलकर गले मिलते है ,यह प्रेम का त्योहार है भाईचारे का त्योहार है ,दूधेश्वर मन्दिर मे 600वर्षो की परम्परा है होली पर्व बहुत धूम धाम से मानाया जाता है ।

होलिकोत्सव 4 दिवसीय:-


सिद्ध पीठ श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मठ मन्दिर गाजियाबाद उत्तर प्रदेश मे श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर श्रीमहन्त नारायण गिरि जी महाराज अन्तर्राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के अध्यक्षता व पावन सानिध्य मे श्री दूधेश्वर होलिकोत्सव 4 दिवसीय आयोजित होता है प्राचीन परम्परो के अनुसार

  • प्रथम दिवस सायंकाल होलीका दहन
  • ,द्वितीय दिवस शान्ति यज्ञ-पंखा शोभा यात्रा
  • तृतीय दिवस सन्त भण्डारा
  • चतुर्थ दिवस कढी पकौडी का भण्डारा

के साथ होलीकोत्सव सम्पन्न होता ,

प्रथम दिवस सायंकाल होलीका दहन:-

इस वर्ष दूधेश्वर मठ मे होलीका दहन 28 मार्च सायंकाल 7:30 को  हुआ जिसमे श्री दूधेश्वर वेद विद्यालय के आचार्यो ने श्रीमहन्त नारायण गिरि जी महाराज ने होलिका पूजन करके होलीका दहन किया ,

दूधेश्वर मठ मे होलीका का बहुत बडा महत्व है कि जब फाल्गुन महाशिवरात्रि मे भक्तो भगवान दूधेश्वर को विल्व फल विल्व पत्र अर्पित करते है उसे सूखा कर होलीका मे जलाया जाता है ,उस दिव्य विभूति को नागा सन्त धारण करते है ,भक्तो के रोग उस विभूती से हर जाते है ,महाराज श्री ने होलिका दहन क्यो किया जाता है

इस बारे मे बताया :-  प्राचीन काल में हिरण्यकशिपु नाम का एक अत्यंत बलशाली असुर था। अपने बल के अहंकार में वह स्वयं को ही ईश्वर मानने लगा था। उसने अपने राज्य में ईश्वर का नाम लेने पर ही पाबंदी लगा दी थी। हिरण्यकशिपु का पुत्र प्रह्लाद ईश्वर भक्त था। प्रह्लाद की ईश्वर भक्ति से क्रुद्ध होकर हिरण्यकशिपु ने उसे अनेक कठोर दंड दिए, परंतु उसने ईश्वर की भक्ति का मार्ग न छोड़ा। हिरण्यकशिपु की बहन होलिका को वरदान प्राप्त था कि वह आग में भस्म नहीं हो सकती। हिरण्यकशिपु ने आदेश दिया कि होलिका प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठे। आग में बैठने पर होलिका तो जल गई, पर प्रह्लाद बच गया। ईश्वर भक्त प्रह्लाद की याद में इस दिन होली जलाई जाती है,प्रतीक रूप से यह भी माना जाता है कि प्रह्लाद का अर्थ आनन्द होता है, वैर और उत्पीड़न की प्रतीक होलिका (जलाने की लकड़ी) जलती है और प्रेम तथा उल्लास का प्रतीक प्रह्लाद (आनंद) अक्षुण्ण रहता है।


।।द्वितीय दिवस 29 मार्चविश्व शान्ति यज्ञ।।:-

श्रीमहन्त नारायण गिरि जी महाराज के द्वारा प्रातःकाल 9 बजे से 12 बजे.तक विश्व शान्ति यज्ञ होता है ,जिसमे महाराज श्री ने गाजियाबाद सहित समस्त भारतवर्ष पूरे विश्व मे जो वैश्विक महामारी कोरोना फैला हुआ है वो जडमूल से समाप्त हो एवं पूरे शहर शान्ति बनी रहे सभी लोग परस्पर प्रेम से रहे सब आनन्दित रहे ऐसी प्रार्थना के साथ शान्ति यज्ञ किया जो कि श्री दूधेश्वर वेद विद्यालय के आचार्य तोयराज जी ,विकास पाण्डेय जी ,नित्यानंद आचार्य जी ,मुकेश शुक्ला जी ने वैदिक मंत्रो के साथ पूर्ण कराया ,तदोपरान्त धूलेंडी दूधेश्वर परिवार के साथ जिसमे दूधेश्वर वेद विद्यालय के आचार्य विद्यार्थियों श्रीमहन्त गौरी गिरि दूधेश्वर नाथ महादेव मठ मन्दिर समिति परिवार के साथ एवं दूधेश्वर भक्तो ने महाराज श्री तिलक लगाकर आशीर्वाद लिया

!!शिव बारात पंखा शोभा यात्रा!!:-

सायंकाल 3:30 बजे श्री दूधेश्वर पंखा शोभायात्रा निकाली जिसमे नागा सन्तो ने विभूती रमा के अस्त्र धारण करके घोडे पे विराजमान होकर यात्रा मे आगे चल.रहे थे साथ ही श्री दूधेश्वर वेद विद्यालय के आचार्य विद्यार्थि ,भारत वर्ष से आये सन्त लोग बहुत धूम धाम से यात्रा मे भाग लिये विशेष रूप से श्री दूधेश्वर रथ पर पंखा को विराजमान करके महाराज श्री भी रथ मे विराजमान होकर पंखे को नगर भ्रमण कराया विभिन्न स्थानो पर गाजियाबाद के भक्तो ने यात्रा का स्वागत किया ,यात्रा शहर के भक्तो को दिव्य होलीका की विभूति प्रसाद स्वारूप वितरण किया गया मान्यता है कि इस दिव्य विभूती से सारे कष्ट रोग मिट जाते है ,यात्रा मे  ढोले नगाडे बैंड रथ घोडे के साथ यात्रा बहुत धूम धाम से श्री दूधेश्वर नाथ मन्दिर से प्रारम्भ होकर दिल्ली गेट डासना गेट,नया गंज , रमते राम रोड ,घंटाघर,कीर्तन वाली गली ,बजरिया ,चौपला हनुमान मन्दिर मे एक पंखा अर्पित करके नवयुग मार्केट हापुड मोड ,होते हुये 6:30 बजे दूधेश्वर मन्दिर पहुच कर भगवान दूधेश्वर गृभगृह मे पंखा स्थापित किया गया ,6:45 बजे महाआरती हुई ,30 मार्च को सन्तो का भण्डारा हुआ जिसमे सैकडो सन्तो ने प्रसाद ग्रहण किया 31 मार्च को कढी पकोड़ी का भण्डारा के साथ सन्तो को विदाई होगी  इस के साथ चार दिवसीय दूधेश्वर होलीकोत्सव सम्पन्न होगा ।

तृतीय दिवस सन्त भण्डारा:-


     हर हर महादेव 
विश्व संवाद सम्पर्क सचिव

अमित कुमार शर्मा

श्री दूधेश्वर नाथ मन्दिरगाजियाबाद उत्तर प्रदेश

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