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श्रावण शिवरात्रि 2024: भक्ति और शुभता का महापर्व-आ रही है श्रावण शिवरात्रि भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए तैयार हो जाइए-श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज

श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में 22 जुलाई से 19 अगस्त तक मनेगा. श्रद्धालुओं, इस साल श्रावण शिवरात्रि का पर्व 2 अगस्त 2024, शुक्रवार को मनाया जाएगा. भगवान शिव के भक्तों के लिए ये साल का सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है.

श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर Highlights:-

  1. 1 अगस्त से 3 अगस्त तक मंदिर में कांवड़ मेला लगेगा
  2. श्रावण शिवरात्रि का जल 2 अगस्त को अपरान्ह 3.30 बजे से चढेगा
  3. अभिषेक, रूद्राभिषेक व विशेष पूजा-अर्चना के लिए मोबाइल नंबर( 9990571008, 99908683, 9350007503 8630437157) पर कराएं पंजीकरण

गाजियाबादः
श्रावण मास 22 जुलाई से शुरू हो रहा है और सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर पूरे श्रावण मास श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार व श्रावण शिवरात्रि को तो मंदिर में देश-विदेश के श्रद्धालुओं का सैलाब उमड पडता है। इसी के चलते मंदिर में श्रावण मास व श्रावण शिवरात्रिको लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। मंदिर में 22 जुलाई से 19 अगस्त तक श्री दूधेश्वर नाथ श्रावण महा महोत्सव मनाया जाएगा और 1 अगस्त से 3 अगस्त तक श्रावण शिवरात्रि मेले का आयोजन होगा।

श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज:-

श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्रीपंच दशनाम जूना अखाडा अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने बताया कि इस बार श्रावण मास 22 जुलाई से 19 अगस्त तक रहेगा। श्रावण मास में पांच सोमवार होंगे।

श्रावण मास में पांच सोमवार होंगे:-

  1. प्रथम सोमवार 22 जुलाई,
  2. दूसरा सोमवार 29 जुलाई,
  3. तीसरा सोमवार 5 अगस्त,
  4. चौथा सोमवार 12 अगस्त
  5. व पांचवा सोमवार 19 अगस्त को होगा।

शिव सत्य है, शिव अनंत है, शिव अनादि है, शिव भगवंत है। शिव ओंकार है, शिव सारा संसार है। जय शिव शंकर!

श्रावण शिवरात्रि शुक्रवार 2 अगस्त को है। उस दिन प्रातः 6 बजे से हाजरी त्रयोदशी का जल चढ़ना प्रारंभ हो जाएगा। चतुर्दशी व शिवरात्रि का जल 2 अगस्त को अपरान्ह 3.30 से शुरू होकर शनिवार 3 अगस्त को 3.50 तक चढ़ेगा। शिवरात्रि का व्रत 2 अगस्त 2024 को ही रखा जाएगा। श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने बताया कि श्रावण मास में मंदिर के कपाट प्रातः 3 बजे से 5 बजे तक श्रृंगार व आरती के लिए बंद रहेंगे। मध्यान्ह 11.30 से 12 बजे तक भोग के लिए मंदिर के कपाट बंद रहेंगे और
सायं 7 बजे से रात्रि 8 तक आरती व रात्रि 8.30बजे से रात्रि 9 बजे तक भोग के लिए मंदिर के कपाट बंद रहें। प्रत्येक सोमवार को मंदिर 24 घंटे खुलेगा सिर्फ आरती व भोग के लिए ही मंदिर के कपाट बंद होंगे। रविवार की रात्रि 12 बजे से सोमवार की रात्रि 12 बजे तक भगवान दूधेश्वर का जलाभिषेक किया जा सकेगा। प्रत्येक सोमवार को भगवान का विशेष श्रृंगार व आरती होगी। इसी कारण मंदिर के कपाट सांय 6.30 बजे से रात्रि 8.30 तक बंद रहेंगे।

महाराजश्री ने बताया

महाराजश्री ने बताया कि श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर है और सिद्धपीठ है। यहां पर भगवान शिव दूधेश्वर भगवान के रूप में विराजमान है। इसी कारण श्रावण शिवरात्रि या श्रावण मास के सोमवार को ही नहीं पूरे सावन मास में भगवान दूधेश्वर की पूजा-अर्चना करने व उनका जलाभिषेक, अभिषेकव रूद्राभिषेक करने से भगवान दूधेश्वर की कृपा प्राप्त होती है और सभी कष्ट दूर होते हैं। मंदिर के मीडिया प्रभारी एस आर सुथार ने बताया कि पूरे सावन मास, सावन मास के प्रत्येक सोमवार व श्रावण शिवरात्रि पर भगवान दूधेश्वर के अभिषेक, रूद्राभिषेक व विशेष पूजा-अर्चना के लिए हजारों भक्त आते हैं। भक्तों की संख्या अधिक हो जाने से काफी भक्त भगवान का अभिषेक, रूद्राभिषेक या विशेष पूजा-अर्चना नहीं कर पाते हैं। अतः जो भक्त इस बार श्रावण मास, श्रावण मास के सोमवार या श्रावण शिवरात्रि पर भगवान का अभिषेक, रूद्राभिषेक या विशेष पूजा-अर्चना कराना चाहते हैं, वे मोबाइल नंबर 9990571008 999086834 9350007503 8630437157 पर संपर्क कर अपना पंजीकरण करा लें ताकि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा ना हों।

क्यों खास है श्रावण शिवरात्रि?:-

श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित होता है और इस मास में पड़ने वाली शिवरात्रि को विशेष महत्व दिया जाता है. इस दिन भगवान शिव का विवाह माता पार्वती के साथ हुआ था. ऐसा माना जाता है कि इस दिन शिव जी की पूजा करने से वे अत्यंत प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं.

पवित्र श्रावण मास: श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित होता है. इस महीने को अत्यंत पवित्र माना जाता है और भगवान शिव की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होता है. श्रावण शिवरात्रि इसी पवित्र मास में पड़ने वाली शिवरात्रि होती है, जिसका महत्व और भी बढ़ जाता है.

शिव-पार्वती विवाह: पौराणिक कथाओं के अनुसार, श्रावण शिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव का विवाह माता पार्वती के साथ हुआ था. इस पवित्र दिन को उनके वैवाहिक स्वरूप की पूजा की जाती है, जो दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है.

अभिषेक और आशीर्वाद: ऐसा माना जाता है कि श्रावण शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा करने से वे अत्यंत प्रसन्न होते हैं. इस दिन दूध, दही, घी, शहद और जल से उनका जलाभिषेक करने से विशेष फल प्राप्त होता है. भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-शांति का वास होता है.

कैसे मनाएं श्रावण शिवरात्रि?:-

  • व्रत और पूजा: श्रावण शिवरात्रि पर श्रद्धालु व्रत रखते हैं और पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव की पूजा करते हैं. पूजा के दौरान शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घी और शहद चढ़ाया जाता है. साथ ही बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, आंकड़े आदि अर्पित किए जाते हैं.
  • भस्म आरती: श्रावण शिवरात्रि पर भस्म आरती का विशेष महत्व होता है. कई शिव मंदिरों में भस्म आरती का आयोजन किया जाता है, जिसमें भक्त भस्म से भगवान शिव का श्रृंगार कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.
  • शिव चालीसा का पाठ: भगवान शिव की स्तुति के लिए शिव चालीसा का पाठ किया जाता है. इसके अलावा आप अपने इष्ट मंत्र का जप भी कर सकते हैं.
  • दान का महत्व: श्रावण शिवरात्रि पर दान का विशेष महत्व होता है. जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र या धन का दान करने से पुण्य प्राप्त होता है और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है.
  • Donate

मंदिर सेवा प्रकल्प

शुभ मुहूर्त:-

  • चतुर्दशी तिथि प्रारंभ – 2 अगस्त 2024, दोपहर 3.26 बजे से
  • चतुर्दशी तिथि समापन – 3 अगस्त 2024, दोपहर 3.50 बजे तक

आइए इस श्रावण शिवरात्रि पर मिलकर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करें और अपने और अपने परिवार के सुख-शांति की कामना करें.

ॐ नमः शिवाय!

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