श्रावण शिवरात्रि का जल 2 अगस्त को अपरान्ह 3.30 बजे से चढेगा गाजियाबादः सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर श्रावण शिवरात्रि का मेला 1 व 2 अगस्त को श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्रीपंच दशनाम जूना अखाडा अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरी के पावन सान्निध्य में लगेगा। श्रावण शिवरात्रि का जलाभिषेक 2 अगस्त को अपरान्ह 3.30 बजे से शुरू होगा। मंदिर के मीडिया प्रभारी एस आर सुथार ने बताया कि महाराजश्री के मार्गदर्शन में लगने वाले इस मेले में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु भाग लेंगे और भगवान दूधेश्वर का जलाभिषेक कर अपने जीवन को धन्य बनाएंगे। श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने बताया कि हाजरी का जल 1 अगस्त को चढेगा।
वहीं 2 अगस्त को प्रातः से त्रयोदशी का जल चढेगा और अपरान्ह 3.30 बजे से श्रावण शिवरात्रि का जल चढेगा। सावन मास की शुरूआत 22 जुलाई से शुरू हो रही है। उस दिन से ही भगवान शिव को समर्पित कांवड़ यात्रा भी शुरू हो जाएगी। शिव भक्त बैकुंठी, खडी,एक्सप्रेस आदि अनेक कांवड़ लेकर आते हैं। कांवड़ यात्रा के दौरान शुद्धता व पवित्रता का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। कांवडि़यों को इस दौश्रान क्रोध से दूर रहना चाहिए और किसी भी प्रकार का नशा नहीं करना चाहिए। जिस शिविर में भी भोजन करें, कुछ ना कुछ दान अवश्य दें।
शिवाय नमः ओम नम शिवाय का जाप करते हुए चले। कांवड़ यात्रा तपस्या के समान ही है क्योंकि तमाम तरह के कष्टों का सामना करते हुए भक्त कांवड़ लाते हैं। इसी कारण भक्तों को भगवान शिव का ही रूप मानते हुए भोले कहा जाता है। इस बार सावन मास में 5 सोमवार हैं। सावन मास के सोमवार व श्रावण शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करना, शिव पुराण का पाठ करना, भगवान का जलाभिषेक करने का बहुत ही शुभ फल प्राप्त होता है। श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में सावन मास के सोमवार व श्रावण मास की शिवरात्रि पर जलाभिषेक व पूजा-अर्चना का महत्व और अधिक है क्योंकि यहां साक्षात भगवान शिव दूधेश्वर भगवान के रूप में विराजमान हैं। यहां पूजा-अर्चना करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों के सभी कष्ट दूर कर उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।