जय दूधेश्वर महादेव
!!श्रीदूधेश्वर नाथ गणपति लड्डू महोत्सव 2021 सप्तम दिवस भगवान श्री गणेश का विघ्नविनाशक स्वारूप का पूजन !!
श्री विघ्नराज गणेश:-
भगवान् श्री गणेश का सप्तम अवतार विघ्नराज का है जिसके सम्बन्ध में एक श्लोक मिलता है जो इस प्रकार है –
विघ्नराजावताराश्च शेषवाहन उच्येत |
ममतासुर हन्ता स विष्णुब्रह्मेति वाचकः ||
(भगवान् श्री गणेश का सप्तम विघ्नराज का है जो विष्णु ब्रह्म का धारक है, यह शेषनाग पर विराजमान है । श्री गणेश का यह अवतार ममतासुर का वध करने वाला है)
कथा:- एक बार माँ पार्वती अपनी सखिओं से बात बात करते हुए जोर से हस पड़ीं । उनकी इस हसीं से एक पुरुष का जन्म हुआ पार्वती जी ने उस पुरुष का नाम ममतासुर रखा और उसे गणेश जी के षडक्षर मंत्र का ज्ञान दिया और आदेश दिया की तुम गणेश की भक्ति करो उसी से तुम्हे सब कुछ प्राप्त होगा । ममतासुर तप करने वन में चला गया वहां उसकी अन्य दैत्यों से भेंट हुई उन दैत्यों ने ममतासुर ने समस्त प्रकार की आसुरी शक्तियों को भलीभांति सीख लिया तत्पश्चात माँ की आज्ञानुसार ममतासुर गणेश जी की भक्ति लीन हो गया । सह्श्रो वर्षो तक तप करने के पश्चात गणेश जी प्रकट हुए तब ममतासुर ने गणेश जी से समस्त ब्रह्माण्ड का राज्य तथा युद्ध में आने वाले समस्त विघ्नों के न आने का वरदान माँगा । गणेश जी ने कहा की ये बहुत दुसाध्य वर माँगा है परन्तु मै तुम्हारी तपस्या से प्रसन्न हूँ इसीलिए ये वर मै तुम्हे प्रदान अवश्य करूँगा । तथास्तु कह कर श्री गणेश अंतर्ध्यान हो गये ।
तपस्या पूर्ण होने के पश्चात ममतासुर अपने मित्र शम्बर से मिला समाचार सुन कर शम्बर बहुत प्रसन्न हुआ । शुक्राचार्य ने ममतासुर को दैत्यराज घोषित कर दिया तथा शम्बर की पुत्री से उसका विवाह करवा दिया । कुछ समय पश्चात ममतासुर ने विश्वविजय की घोषणा कर दी और समस्त पृथ्वी पर आक्रमण करके इसकी शुरुआत भी कर दी । ममतासुर ने पृथ्वी तथा पाताल दोनों लोको को जीत लिया । फिर स्वर्ग पर आक्रमण कर दिया । जल्द ही स्वर्ग भी ममतासुर के अधीन हो गया ।
शिवलोक, विष्णुलोक, ब्रह्मलोक सब बलशाली असुर के अधीन हो गए । चारो तरफ हा हा कार मच गया धर्म कर्म सब नष्ट हो ने लगा देवी देवता अपने स्थानों से विश्तापिथों की तरह दर दर भटकने लगे । यज्ञ एवं अनुष्ठान सब नष्ट भ्रष्ट हो गया ।
सभी देवताओं ने इस विपत्ति के समाधान हेतु श्री विघ्नराज की उपासना की । कठोर तपस्या के पश्चात श्री विघ्नराज प्रकट हुए । सभी देवी देवताओं ने श्री विघ्नराज से ममतासुर के अत्याचारों से मुक्ति तथा धर्म के उद्धार के लिए प्रार्थना की । श्री विघ्नराज ने सभी देवी देवताओं को चिंतामुक्त होने का आश्वासन दिया तथा श्री नारद को अपना दूत बनाकर ममतासुर के पास भेजा ।
गणपति लड्डू महोत्सव 2021 सप्तम दिवस:-
आज दूधेश्वर नाथ गणपति लड्डू महोत्सव 2021 सप्तम दिवस का पूजन दूधेश्वर नाथ मंदिर में महाराज श्री द्वारा संपन्न हुआ गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक दूधेश्वर नाथ मंदिर में प्रतिदिन 1100.लड्डू का भोग लगाया जा रहा है भगवान गणेश जी को साथ में ही प्रतिदिन गणेश सहस्त्रनाम से भगवान की 1000 नामों से रोज उनका पूजन किया जा रहा है गणपति अथर्वशीर्ष गणेश स्तुति गणेश चालीसा गणेश जी का संपूर्ण पूजन प्रतिदिन 7:00 से 9:00 तक 10:00 से 11:00 तक शाम को 4:00 बजे से 6:00 बजे तक 18 सितम्बर तक यह पूजन चलने वाला है और 19 सितम्बर को भगवान श्री गणेश जी का विसर्जन किया जाएगा 2021 गणेश महोत्सव सूक्ष्म रूप से दूधेश्वर नाथ मंदिर में कोरोना की गाइडलाइंस का पालन करते हुए मनाया जा रहा है इसके साथ संपूर्ण व्यवस्था और पूर्ण सहयोग धर्मपाल गर्ग जी अध्यक्ष मंदिर विकास समिति व्यवस्था श्रृंगार विजय मित्तल जी दूधेश्वर नाथ श्रृंगार सेवा समिति के द्वारा किया जा रहा है.
डा० कैलाश नाथ तिवारी जी के नेतृत्व मे दूधेश्वर वेद विद्यापीठ के आचार्य तोयराज उपाध्याय जी ,नित्यानंद आचार्य जी ,विकास पाण्डेय जी ,मुकेश शुक्ल जी ,अनिल पाढी जी और विद्यार्थियों द्वारा प्रतिदिन भगवान का पूजन किया जा रहा हैआज महाराज श्री ने अभिषेक करके ,लड्डू व दूर्वा से नाम अर्चन किया ,धूप आरती दीप आरती हुई पुष्पांजलि अर्पित करके पूजन सम्पन्न हुआ,आज पूजन मे महाराज श्री के साथ अशोक कुमार जी ,कन्या वैदिक के प्रिंसिपल मधुवानी जी,भक्ति योग संस्थान के संस्थापक पंडित महेश वशिष्ठ जी बाबा लाल मन्दिर ,गौरव गर्ग दिपाली ज्वैलर्स ,ऋतु जी श्री दूधेश्वर श्रृंगार सेवा समिति के कार्यकर्ताओं ने पूजन मे भाग लेकर पुण्य लाभ प्राप्त किया।
हर हर महादेव