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श्रीमहंत नारायण गिरि ने जसोल धाम में गुप्त नवरात्रि के छठे दिन कन्याओं का पूजन छठी माता के रूप में किया मां घूमावती की कृपा होने पर सभी कष्ट कट जाते हैंः महाराजश्री


राजस्थानः
श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज चार दिवसीय शक्ति उपासना यात्रा के लिए राणी भटियाणी मंदिर जसोल धाम में पवास कर रहे हैं। महाराजश्री ने गुरूवार को गुप्त नवरात्रि के छठे दिन छठी माता के रूप में कन्या पूजन किया। मंदिर में मंदिर समिति के अध्यक्ष रावल किशन सिंह की अध्यक्षता व कुंवर हरिशचंद सिंह के संयोजन में गुप्त नवरात्रि का पर्व विधि-विधान के साथ मनाया जा रहा है।

गुरूवार को श्रीमहंत नारायण के पावन सानिध्य में मां की छठी महावि़द्या मां धूमावती की पूजा-अर्चना की गई। श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर परिसर स्थित श्री दूधेश्वर वेद विद्या संस्थान के आचार्य तयोराज उपाध्याय व विद्यार्थियों ने पूजन कराया। महाराजश्री ने छठी माता के रूप में छोटी कन्याओं का पूजन किया। श्रीमहंत नारायण गिरि ने कहा कि मां धूमावती को भूखी देवी माना जाता है, अतः कभी भी इनकी पूजा बिना भोग के नहीं करनी चाहिए। सूखी रोटी पर नमक लगाकर उसका भोग लगाने से भी मां प्रसन्न हो जाती हैं। कहा जाता है कि मां को रोटी भी बहुत प्रिय है। मां की जिस पर भी कृपा बरस जाती है उनके सभी कष्ट कट जाते हैं। उसके पास धन और वैभव की कोई कमी नहीं रहती है। भक्तों को पूजा के समय धूमावती स्तोत्रं का पाठ करना चाहिए। वैसे तो गुरु के आदेश के बिना मां की पूजा नहीं करनी चाहिए लेकिन अगर कोई गुरु नहीं हैं तो भगवान शिव को गुरु मानकर मां पूजा की जा सकती है।

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