राणी भटियाणी मंदिर जसोल धाम में गुप्त नवरात्रि पर मां की आराधना करने से सभी कष्ट दूर होते हैंः महाराजश्री
राजस्थानः
चार दिवसीय शक्ति उपासना यात्रा के दूसरे दिन श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने राणी भटियाणी मंदिर जसोल धाम में मां की सातवीं महाविद्या की ध्यान, साधना व पूजन किया। उन्होंने कन्याओं का देवी रूप में भी पूजन किया। राणी भटियाणी मंदिर जसोल धाम में गुप्त नवरात्रि पर्व पर विशेष अनुष्ठान महाराजश्री पावन सानिघ्य तथा मंदिर समिति के अध्यक्ष रावल किशन सिंह की अध्यक्षता व संयोजक कुंवर हरिशचंद सिंह की देखरेख में हो रहा है। शुक्रवार को मंदिर में बडी संख्या में भक्त राणी भटियाणी व मां की सातवीं महाविद्या की पूजा-अर्चना करने के लिए पहुंचे। सभी ने महाराजश्री से भेंटकर उनका आशीर्वाद लिया।
अनुष्ठान के सप्तम दिवस शुक्रवार को श्री रानी भटियाणी मंदिर संस्थान जसोल धाम में प्रतिदिन की भांति गुप्त नवरात्रि का पाठ हुआ। आचार्य तोयराज उपाध्याय, प्रदीप त्रिपाठी, दीपक भट्ट, नीतेश त्रिपाठी आयुष पौड़ेल, रामधिराज तिवारी, विपिन शुक्ला, मनोहर अवस्थी ने गणपति पूजन, वरुण पूजन, षोडशमातृका पूजन, चतुषष्ठीयोगिनी पूजन वास्तु पूजन, क्षेत्रपाल पूजन, नवग्रह पूजन, सप्तघृत मातृका पूजन, प्रधान देवी श्री महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती पूजन, आवरण पूजन, मंडप पूजन, द्वारपूजन, भगवते सांबसदा शिव पूजन, रुद्राभिषेक सप्तशती पाठ, सप्तशती हवन कराया। श्रीमहंत नारायण गिरि ने कहा कि गुप्त नवरात्र में मां दुर्गा की 10 महाविद्याओं की गुप्त रूप से साधना कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है, इसलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। इनमें 9 दिन तक मां दुर्गा की तंत्र साधना व तंत्र सिद्धि की जाती है।
शास्त्रों के अनुसार:-
शास्त्रों के अनुसार इन दिनों मां दुर्गा की पूजा अर्चना करने से सभी प्रकार के दुख दूर हो जाते हैं और घर में सुख समृद्धि बनी रहती है। रानी भटियाणी मंदिर जसोल धाम श्रद्धालुओं के लिए प्रमुख आस्था केंद्र बना हुआ है। यहां- दूर-दूर से भक्तगण माता के दर्शन और आशीर्वाद लेने के लिए एकत्रित होते हैं। यहां सच्चे मन से की गई पूजा-अर्चना से मां की कृपा प्राप्त होती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। गुप्त नवरात्रि में मंदिर में मां की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व है। गुप्त नवरात्रि में मां की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से मां बहुत जल्द प्रसन्न हांेती हैं और अपनी कृपा की बारिश अपने भक्तों पर बरसाती हैं। मंदिर समिति के अध्यक्ष रावल किशन सिंह व संयोजक कुंवर हरिशचंद सिंह के नेतृत्व में मंदिर का वातावरण ऐसा भक्तिमय है कि यहां पर आते ही भक्त अपने सभी दुखों को भूल जाता है और उसे अलोकिक आनंद की अनुभूति होती है और ऐसा लगता है कि मानो मां का साक्षात्कार हो रहा है।