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श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने विश्व प्रसिद्ध श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान जसोलधाम में विशेष अनुष्ठान का शुभारंभ कियापूरे नवरात्रि चलेगा अनुष्ठान प्रतिदिन अनेक आयोजन होंगे

राजस्थानः-

श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्रीपंच दशनाम जूना अखाडा अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज की अध्यक्षता व मार्गदर्शन में मंगलवार को श्री राणी भटियाणी मंदिर जसोलधाम समेत जसोल में चार स्थापनों पर नवरात्र पर्व विशेष अनुष्ठान का शुभारंभ हुआ। महाराज श्री ने जसोलधाम समेत चारों स्थानों पर घट स्थापना की। मंदिर संस्थान के अध्यक्ष रावल किशन सिंह उनके सुपुत्र व संस्थान समिति सदस्य कुंवर हरिश्चन्द्रसिंह जसोल द्वारा श्री महंत नारायण गिरि के पावन सानिध्य में नवरात्रि पर्व का अनुष्ठान प्रारंभ किया गया। महाराजश्री ने सबसे पहले श्री राणी भटियाणी मंदिर में माता रानी के दर्शन किए और मत्था टेका और उसके बाद पूजा-अर्चना की। सर्वप्रथम गौरी गणेश का आवाहन किया गया। प्राण प्रतिष्ठा के बाद पूजन, दुग्ध द्वारा महा अभिषेक हुआ। तत्पश्चात वरुण कलश, पुण्या वाचन, नांदी श्राद्ध, मंडप पूजन, श्री मां रानी भटियानी पूजन, षोडश मातृका पूजन, 64 योगिनी पूजन, सप्त घृत मातृका पूजन, वास्तु पूजन, क्षेत्रपाल पूजन, प्रधान कलश स्थापना, प्राण प्रतिष्ठा, पूजन एवं प्रधान पीठ का आवाहन प्राण प्रतिष्ठा एवं पूजन किया गया।

तत्पश्चात हवन एवं नवग्रह का पूजन एवं वेद पारायण किया गया। आरती के बाद पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा सम्पन्न हुई। महाराजश्री से भेंट करने व उनका आशीर्वाद लेने के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। श्रीमहंत नारायण गिरि ने कहा कि राजस्थान की सभ्यता एवं संस्कृति में कई देवी देवताओं का उल्लेख मिलता है, मगर इनमें जसोलधाम में मां राणी भटियाणी का विशेष महत्व है। यहां आने वाला कभी भी खाली हाथ नहीं लौटता है। यही कारण है कि दूर-दूर से लोग अपने दुख-दर्द दूर करने के लिए मंदिर में पूजा-अर्चना हेतु यहां आते हैं। मंदिर पर प्रतिवर्ष नवरात्र में देश सहित विदेशों से भी भक्त आते हैं। यहां होने वाले चमत्कार भक्तों के अंदर मां के प्रति श्रद्धा और भी बढा देते हैं।

मंदिर में आने वाले भक्तों को किसी प्रकार की कोई असुविधा ना हो, इसका मंदिर के अध्यक्ष रावल किशन सिंह व समिति सदस्य कुंवर हरिशचंद्रसिंह जसोल द्वारा विशेष व्यवस्था की जाती है। मंदिर में पूजा-अर्चना करने से आत्मिक शांति व सच्चे आनंद की प्राप्ति होती है। महाराजश्री ने श्री राणी भटियाणी मंदिर जसोलधाम के अलावा रावलगढ़ (जसोल), श्री नर्बदेश्वर महादेव मंदिर व श्री राणी रूपादे जी मंदिर पालिया (तिलवाड़ा) में भी शतचंडी अनुष्ठान का शुभारंभ किया। यहां भी बडी संख्या में भक्तों ने उनका स्वागत अभिनंदन किया और उनका आशीर्वाद लिया। महाराजश्री ने राजस्थान की 12 दिन की राष्ट्र विजय उपासना यात्रा का शुभारंभ भी किया और लोगों को समाज सेवा व देश सेवा के लिए प्रेरित किया.

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