गाजियाबादः
श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता, संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहन्त नारायण गिरि के परम व प्रिय स्वामी शिवानंद गिरि महाराज को श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में शनिवार को संतों ने शंभू रोट दिया। इस दौरान स्वामी शिवानंद गिरि को याद किया गया। उनका षोडशी भंडारा 22 सितंबर को होगा। स्वामी शिवानंद गिरि महाराज श्रीमहंत नारायण गिरि के परम व प्रिय शिष्य थे। वे बहुत वर्ष से श्री दूधेश्वर नाथ पूजा की कर रहे थे और उनकी सेवा कर रहे थे। पिछले 2-3 वर्ष से वे बीमार थे और अस्वस्थ चल रहे थे।
श्रीमहंत नारायण गिरि ने उनका बहुत इलाज कराया। अनेक बडे डॉक्टरों व बडे अस्पतालों से उनका इलाज कराया गया, इसके बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। जन्माष्टमी के दिन उनका शरीर हो पूरा हो गया। उनके ब्रहमलीन होने की खबर से उनके मानने वालों व शहर के लोगों में शौक व्याप्त हो गया। उन्हें ब्रहमलीन हुए शनिवार को तीसरा दिन था। मंदिर में उनका तिये जिसे शंभू रोट व ढूल रोट भी कहा जाता है का आयोजन किया गया। श्रीमहंत नारायण गिरि ने कहा कि प्रभु की इच्छा के आगे कुछ भी नहीं चलता है। प्रभु को जो मंजूर होता है, वहीं होता है।
स्वामी शिवानंद गिरि महाराज का शरीर जन्माष्टमी के दिन पूरा हुआ। जन्माष्टमी के दिन शरीर पूरा होने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। स्वामी शिवानंद गिरि महाराज को प्रभु के चरणों में बैकुंठ धाम में स्थान मिला है। आज स्वामी शिवानंद गिरि महाराज भले ही हमारे बीच ना हो, मगर हम सभी के दिलों में उनकी यादें हमेशा बनी रहेंगी। उनकी श्रद्धांजलि सभा व षोडशी भंडारा 22 सितंबर को श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में होगा। प्रातः 10 बजे से 11 बजे तक उन्हें देश भर से आए संत श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे, उसके बाद भंडारा होगा। स्वामी शिवानंद गिरि महाराज के शंभू रोट, ढूल रोट कार्यक्रम में श्रीमहंत कन्हैया गिरि महाराज, देवी मंदिर दिल्ली गेट के महंत गिरिशानंद गिरि, महंत विजय गिरि महंत झोला गिरि, स्वामी दिनेश गिरि, दूधेश्वर श्रृंगार सेवा समिति के अध्यक्ष विजय मित्तल,संतोष कुमार सिंह राणा पार्षद समेत बडी संख्या में साधु-संतों व भक्तों ने शंभू रोट ढूल रोट का प्रसाद ग्रहण किय|