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श्रीमहंत नारायण गिरि की अध्यक्षता में धांगडवास में श्री राम दरबार व सूर्यमुखी हनुमान मंदिर की स्थापना हुई

भगवान राम व हनुमान जी के विराजमान होने से दुख-कष्ट दूर होंगे, सुख-समृद्धि व कामयाबी मिलेगीः महाराजश्री
राजस्थानः

जिला पाली की तहसील सोजत सिटी में मरूधरा की धर्मनगरी धांगडवास में मैन बस स्टेंड के पास श्री सूर्यमुखी हनुमान मंदिर व भव्य श्री राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा बुधवार को विधि-विधान के साथ हुई। श्री सूर्यमुखी हनुमान मंदिर व भव्य राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज की अध्यक्षता में हुई। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में ग्रामवासियों के अलावा राजस्थान व अन्य राज्यों से आए हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और भगवान के दर्शन कर महाराजश्री से आशीर्वाद लिया। महाराजश्री के साथ मुकेशानंद गिरि वैद्य भी मौजूद रहे। श्रीमहंत नारायण गिरि ने राम दरबार में भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण व हनुमान जी तथा सूर्यमुखी हनुमान जी की आंखों की पटटी हटाकर सभी को भगवान के दर्शन कराए।

भगवान ने सभी को दर्शन दिए और सभी पर अपनी कृपा दृष्टि डालकर उनके जीवन को धन्य बनाया। महाराजश्री ने कहा कि यह परम सौभाग्य की बात है कि अयोध्या में राम जन्म भूमि पर बने भव्य राम मंदिर में विराजमान होने के बाद भगवान राम धर्मनगरी धांगडवास में अपने भक्त हनुमान के साथ विराजमान हो गए हैं। भगवान राम व हनुमान जी के विराजमान होने से धांगडवास, पाली या राजस्थान ही नहीं पूरे देश के राम भक्तों के जीवन में बदलाव होगा। उनके दुख-कष्ट दूर होंगे और सुख-समृद्धि व कामयाबी उनके कदम चूमेगी। आज अयोध्या का राम मंदिर जिस प्रकार पूरे विश्व में सनातन हिंदू धर्म की पताका फहरा रहा है, उससे साफ हो गया है कि भारत रामराज्य की स्थापना के लिए तेजी से कदम आगे बढा रहा है। भगवान राम की कृपा से जल्द ही भारत पुनः अपने खोए वैभव, समृद्धि व खुशहाली को प्राप्त कर विश्व गुरू बनेगा।

उन्होंने कहा कि धांगडवास के सभी निवासियों ने श्री सूर्यमुखी हनुमान मंदिर व भव्य राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा कर धर्म व आध्यात्म की जो मिसाल कायम की है, उससे अन्य लोग भी प्रेरणा लेंगे जिससे धर्म व भक्ति का प्रचार-प्रसार होगा। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मुख्य यजमान चंदन सिंह व उनकी पत्नी चंद्रकंवर रहीं। उनके द्वारा पहले गजानन, उसके बाद श्री राम दरबार व सूर्यमुखी की पूजा-अर्चना की गई। श्री राम दरबार की स्थापना समन्दर सिंह व उनकी पत्नी तथा सूर्यमुखी हनुमान की स्थापना पूरण सिंह भाटी व उनकी पत्नी ने कराई। मुख्य ध्वजा का चढावा ध्वजा स्थापना राजेंद्र कुमार जैन ने कराई। उनके द्वारा ही हा वर्ष ध्वजा चढाई जाएगी। प्राण प्रतिष्ठा से पहले शोभा-यात्रा ने पूरे नगर में भ्रमण किया। श्रीमहंत नारायण गिरि व मुकेशानंद गिरि वैद्य दो रथों में विराजमान होकर शोभा-यात्रा में शामिल हुए। शोभा-यात्रा ने बाजे-गाजे के साथ पूरे नगर का भ्रमण किया और उसका जगह-जगह जोरदार स्वागत किया गया। प्राण प्रतिष्ठा व मूर्ति स्थापना के बाद महाप्रसादी व फले चुनवडी में हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। प्राण प्रतिष्ठा व मूर्ति स्थापना आदि पंण् राधेश्याम ओझा व पं. तेजराज उपाध्याय ने कराए। चंदन सिंह, अजीत सिंह, समन्दर सिंह, शेर सिंह, पूर्व सरपंच नारायण सिंह की पत्नी मदनकंवर, सुरेंद्र सिंह, शैतानराम, मिश्रराराम, मांगीलाल, रघुबीर सिंह, दशरथ सिंह, भेरू सिंह, बीजाराम, हनुमानराम, पुसाराम, दुर्गाराम, दलपतराम व पर्वतराम आदि भी शामिल रहे।

1 Comment

  • purshottam Lal Gour
    February 21, 2024

    om namo narayan jaiho

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