मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने अभिजीत मुहूर्त में गणेश प्रतिमा की स्थापना की भगवान गणेश की पूजा.अर्चना से सभी विघ्न दूर होते हैंः महाराजश्री
श्री दूधेश्वर मंदिर विकास समिति के अध्यक्ष धर्मपाल गर्ग, गिन्नी देवी गर्ग व अनुज गर्ग मुख्य यजमान रहे गाजियाबादः सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्री दूधेश्वर गणपति लडडू महोत्सव धूमधाम व श्रद्धाभाव से मनाया जा रहा है। 11 दिन तक चलने वाले श्री दूधेश्वर गणपति लडडू महोत्सव के पहले दिन शनिवार को दोपहर 12 बजे अभिजीत मुहूर्त में श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज की अध्यक्षता में विधि.विधान के साथ गणेश प्रतिमा की स्थापना की गई। मूर्ति की स्थापना महाराजश्री ने की। श्री दूधेश्वर वेद विद्या पीठ के आचार्यो ने भगवान गणेश की पूजा.अर्चना की। श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने कहा कि भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता माना गया है। किसी भी तरह के पूजाण्पाठ में सर्वप्रथम उन्हीं की पूजा होती है। ऐसा ना करने पर पूजा अधूरी रहती है। भगवन गणेश की पूजा सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करनेए नई और खुशहाल शुरुआत के व अच्छे भाग्य के लिए की जाती है। भगवान गणेश को नई शुरुआत और समृद्धि के देवता के रूप में पूजा जाता है।
गणेश चतुर्थी :-
गणेश चतुर्थी के दिन ही भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इसी कारण इस दिन भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व है। गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश के 108 नामों का जाप कर उन्हें मोतीचूर के लड्डू और दूर्वा अर्पित करने, उन्हें लाल रंग के सिंदूर का तिलक लगाने व अपने माथे पर भी सिंदूर का तिलक लगाने से भक्तों की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। मुख्य यजमान श्री दूधेश्वर मंदिर विकास समिति के अध्यक्ष वरिष्ठ समाजसेवी धर्मपाल गर्ग, गिन्नी देवी गर्ग उपाध्यक्ष अनुज गर्ग ने भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की। दूधेश्वर श्रृंगार सेवा समिति के अध्यक्ष विजय मित्तल ने भगवान का भव्य श्रृंगार किया। मंदिर के मीडिया प्रभारी एस आर सुथार ने बताया कि महाराजश्री की अध्यक्षता में 17 सितंबर तक चलने वाले
श्री दूधेश्वर गणपति लडडू महोत्सव में प्रतिदिन प्रातः 10 बजे से दोपहर 12 बजे तका दूर्वा व लडडू तथा मोदक द्वारा गणपति जी का सहस्रार्चन व पूजन किया जाएगा। गणेश स्तृति, षोषडषोपचार राज उपचार, भगवान गणेश के सहस्रनाम की भी पूजा होगी। भगवान का पंचामृत से रोजाना अभिषेक किया जाएगा। रात्रि 10 बजे शयन आरती के बाद प्रसाद वितरित किया जाएगा। 17 सितंबर को प्रातः मंदिर से शोभा.यात्रा निकलेगी जिसमें बडी संख्या में भक्त शामिल रहेंगे। शोभा.यात्रा शहर के प्रमुख मार्गो व मेरठ रोड से होते हुए मुरादनगर में श्री दूधेश्वर घाट पहुंचेगीए जहां गणपति बाबा मोरया अगले बरस तू जल्दी आ आदि जयकारों के साथ मूर्ति विसर्जन किया जाएगा।