गाजियाबादः
हिन्दु कैलेण्डर में श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित है। भगवान शिव का आशीर्वाद लेने के लिये पूरे महीने को शुभ माना जाता है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिये भक्त श्रावण मास के दौरान विभिन्न-विभिन्न व्रत रखते हैं। श्रावण मास को उत्तर भारतीय राज्यों में सावन माह के रूप में भी जाना जाता है। श्रावण मास के दौरान पड़ने वाले सभी सोमवार, व्रत के लिये बेहद शुभ माने जाते हैं और श्रावण सोमवार या सावन सोमवार व्रत के रूप में जाने जाते हैं। कई भक्त सावन महीने के पहले सोमवार से सोलह सोमवार या सोलह सोमवारी उपवास भी करते हैं।
सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर:-
सावन मास के पांचवें व अधिक मास के तीसरे सोमवार को सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड पडा। भगवान दूधेश्वर की पूजा-अर्चना करने के लिए देश के विभिन्न शहरों से भक्तगण आए। मंदिर में भगवान दूधेश्वर का जलाभिषेक करने के लिए रविवार की रात्रि से ही भक्तों की भीड लगने लगी थी।
सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर में रूद्राभिषेक
सबसे पहले मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि ने मंदिर में पूजा-अर्चना की। उन्होंने रात्रि 2.30 बजे से रात्रि 3.30 बजे तक रूद्राभिषेक किया। उसके बाद भगवान की आरती कर उन्हें भोग लगाया। उसके बाद भक्तों के लिए दर्शन खोल दिए गए। मंदिर में भक्तों की लंबी-लंबी कतारें लगी हैं। मंदिर परिसर के साथ आसपास का क्षेत्र भी भगवान दूधेश्वर के जयकारों से गूंज रहा है। मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि ने भक्तों को सावन मास के पांचवें व अधिक मास के तीसरे सोमवार की बधाई दी।
उन्होंने कहा कि सावन मास व अधिक मास का एक साथ होना भक्तों के लिए विशेष लाभकारी है। वे जो पूजा करेंगे, उससे भगवान शिव ही नहीं भगवान विष्णु भी प्रसन्न होंगे जिससे उनकी हर बाधा, हर कष्ट दूर होगा और उनकी हर मनोकामना पूर्ण होगी।
शुभ दिन:-
श्रावण मास में सभी मंगलवार, भगवान शिव की अर्धांगिनी, देवी पार्वती को समर्पित है। श्रावण मास के दौरान मंगलवार का उपवास, मंगला गौरी व्रत के रूप में जाना जाता है। सावन शिवरात्रि और हरियाली अमावस्या श्रावण मास के दौरान अन्य शुभ दिन हैं।
॥ श्री शिवरामाष्टकस्तोत्रम् ॥
शिवहरे शिवराम सखे प्रभो,त्रिविधताप-निवारण हे विभो।
अज जनेश्वर यादव पाहि मां,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम् ॥१॥
कमल लोचन राम दयानिधे,हर गुरो गजरक्षक गोपते।
शिवतनो भव शङ्कर पाहिमां,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम् ॥२॥
स्वजनरञ्जन मङ्गलमन्दिर,भजति तं पुरुषं परं पदम्।
भवति तस्य सुखं परमाद्भुतं,शिवहरे विजयं कुरू मे वरम् ॥३॥
जय युधिष्ठिर-वल्लभ भूपते,जय जयार्जित-पुण्यपयोनिधे।
जय कृपामय कृष्ण नमोऽस्तुते,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम् ॥४॥
भवविमोचन माधव मापते,सुकवि-मानस हंस शिवारते।
जनक जारत माधव रक्षमां,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम् ॥५॥
अवनि-मण्डल-मङ्गल मापते,जलद सुन्दर राम रमापते।
निगम-कीर्ति-गुणार्णव गोपते,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम् ॥६॥
पतित-पावन-नाममयी लता,तव यशो विमलं परिगीयते।
तदपि माधव मां किमुपेक्षसे,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम् ॥७॥
अमर तापर देव रमापते,विनयतस्तव नाम धनोपमम्।
मयि कथं करुणार्णव जायते,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम् ॥८॥
हनुमतः प्रिय चाप कर प्रभो,सुरसरिद्-धृतशेखर हे गुरो।
मम विभो किमु विस्मरणं कृतं,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम् ॥९॥
नर हरेति परम् जन सुन्दरं,पठति यः शिवरामकृतस्तवम्।
विशति राम-रमा चरणाम्बुजे,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम् ॥१०॥
प्रातरूथाय यो भक्त्या पठदेकाग्रमानसः।
विजयो जायते तस्य विष्णु सान्निध्यमाप्नुयात् ॥११॥
श्रावण सोमवार व्रत कैलेंडर:-
4 जुलाई 2023 (मंगलवार): श्रावण मास की शुरुआत
10 जुलाई 2023 (सोमवार): पहला सावन सोमवार व्रत
17 जुलाई 2023 (सोमवार): दूसरा सावन सोमवार व्रत
24 जुलाई 2023 (सोमवार): तीसरा सावन सोमवार व्रत
31 जुलाई 2023 (सोमवार): चौथा सावन सोमवार व्रत
7 अगस्त 2023 (सोमवार): पांचवां सावन सोमवार व्रत
14 अगस्त 2023 (सोमवार): छठा सावन सोमवार व्रत
21 अगस्त 2023 (सोमवार): सातवां सावन सोमवार व्रत
28 अगस्त 2023 (सोमवार): आठवां सावन सोमवार व्रत
31 अगस्त 2023 (गुरुवार): श्रावण का आखिरी दिन