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सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव की पूजा करेंगे बेड़ा पार श्रीमहंत नारायण गिरि


गाजियाबादः
सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि ने सभी भक्तों को हरियाली सोमवती अमावस्या की बधाई दी। उन्होंने कहा कि सोमवती अमावस्या को भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से सभी प्रकार के विकारों, कष्टों व संकटों से छुटकारा मिलता है और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव की पूजा करेगी बेडा पारः श्रीमहंत नारायण गिरि
कालसर्प योग समेत सभी प्रकार के दोष व कष्टों से छुटकारा मिलेगा
पितरों के तृप्त होने से उनका आशीर्वाद भी प्राप्त होगा श्रीमहंत नारायण गिरि ने बताया कि हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व है। जब अमावस्या सोमवार को पडती है तो उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। सावन मास की अमावस्या को हरियाली अमावस्या भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने, आराधना करने, जलाभिषेक करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। आज सावन का दूसरा सोमवार भी है, इस कारण इसका महत्व और भी बढ गया है।

श्रीमहंत नारायण गिरि ने बताया कि सोमवती अमावस्या को भगवान शिव का व्रत रखने से भगवान प्रसन्न होते हैं। इस दिन नमकीन या खटटा नहीं सिर्फ मीठा भोजन वह भी एक समय शाम को ही करना चाहिए। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने व दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। कालसर्प दोष से पीडित व शनि प्रकोप से पीडित लोगों तथा ऐसे व्यक्ति जिनके अज्ञात शत्रु है, उनके लिए भी यह अमावस्या खास है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से कालसर्प दोष, शनि प्रकोप से मुक्ति मिलती है। सावन का सोमवार भी पडने से भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा-अर्चना करने के साथ कई गुना फल की प्राप्ति होगी। पीपल के पेड की पूजा करने, जल चढाने, उसकी 108 परिक्रमा करने व तुलसी की पूजा करने से भी सभी प्रकार के विकारों, कष्टों व संकटों का निवारण होता है।

नमः शिवाय या ओम नमः शिवाय का जाप करने से भी भगवान प्रसन्न होते हैं। भगवान शिव की पूजा करने से पितरों को भी तृप्ति मिलेगी और पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा। साथ ही सभी देवी-देवताओं व ऋषि-मुनियों का आशीर्वाद भी मिलेगा।

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