Back to all Post

पूरे विश्व को युगों-युगों तक जीने की कला सिखाता रहेगा- श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज तुलसीदास जयंती महोत्सव पर आयोजित दिव्य संत सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए महाराजश्री

मेरठः राधा गोविंद मंडप परिवार द्वारा रविवार को गढ रोड स्थित राधा गोविंद मंडप में तुलसीदास जयंती महोत्सव पर दिव्य संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन के मु,ख्य अतिथि श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष, हिंदू यूनाइटिड फ्रंट अध्यक्ष व श्री दूधेश्वर वेद विद्यालय संस्थान के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज रहे। महाराजश्री का संस्था के सदस्यों ने स्वागत अभिनंदन किया। श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने कहा कि संत तुलसीदास ने रामचरितमानस जैसे महान ग्रंथ की रचना की, जो पूरे विश्व को युगों-युगों तक जीने की कला सिखाता रहेगा। तुलसीदास जी ने भगवान राम को भक्तों के रोम-रोम में बसा दिया। रामचरितमानस ऐसा ग्रंथ है, जिसका सच्चे मन से श्रवण करने या पढने मात्र से ही जन्म-जन्मांतर के पाप व कष्ट भी दूर हो जाते हैं और भगवान राम की कृपा से हर मनोकामना पूर्ण होती है।

पूरे विश्व का मार्गदर्शन-रामचरितमानस :-

जब तक सृष्टि है, तब तक रामचरितमानस पूरे विश्व का मार्गदर्शन करता रहेगा और सही मार्ग दिखाता रहेगा। महामंडलेश्वर भैयादास महाराज ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास मध्यकालीन हिन्दी साहित्य के महान रामभक्त इव कवि थे। उन्होंने सभी जीव-जंतुओं के कल्याण के लिए रामचरितमानस और हनुमान चालीसा जैसे विश्व प्रसिद्ध ग्रंथों की रचना की। महामंडलेश्वर अभयानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि तुलसीदास महान भारतीय कवि और दार्शनिक थे। तुलसीदास जी रामचरितमानस के रचयिता हैं, जो अब तक के लिखे गए सबसे महान महाकाव्यों में से एक है। महामंडलेश्वर शिव प्रेमानंद गिरी महाराज ने कहा कि तुलसीदास जी भगवान राम के निष्ठावान और अनुरागी भक्त थे। उन्होंने रामचरितमानस जैसे महाकाव्य की रचना कर पूरे संसार को मोह-माया से छुटकारा दिलाकर भगवान राम के साक्षात्कार का मार्ग दिखाया है। महामंडलेवर नवल किशोर दास महाराज ने कहा कि तुलसीदास ने हिंदी साहित्य को अपनी अद्भुत रचनाओं से समृद्ध किया। उन्होंने जीवन राम की भक्ति में जीया और उनके गुणों का गान किया। महामंडलेश्वर कंचन गिरी महाराज ने कहा कि तुलसीदास महान राम भक्त होने के साथ महान कवि, भक्तए दर्शनिक और समाज सुधारक थे। उन्होंने अपनी रचनाओं में रामभक्ति, नैतिकताए आत्मशुद्धि, भारतीय संस्कृति और समाज के लिए उपयोगी बातें प्रस्तुत कीं। महामंडलेश्वर साध्वी विद्यानंद गिरि महाराज ने कहा कि श्रीरामचरितमानस से लोगों को भगवान राम के चरित्र, कर्म, उपदेश और लीला का ज्ञान होता है और उनका वे अपने जीवन में अनुसरण करते हैं। महंत धीरेंद्र गिरी महाराज, महंत मुकेशानंद गिरी महाराज वैद्य,महंत कन्हैया गिरी महाराज आदि भी मौजूद रहे।

Add Your Comment