जसोल बालोतराः योगीराज श्री श्री 108 श्री खुशाल गिरी महाराज की जीवित समाधि जूना अखाड़ा उमरलाई के महंत श्री 108 श्री पूर्व अष्ट कौशल महंत रामानंद सरस्वती महाराज 24 मार्च को ब्रहमलीन हो गए थे। श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर के पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायणगिरी महाराज ने योगीराज श्री श्री 108 श्री खुशाल गिरी महाराज की जीवित समाधि जूना अखाड़ा उमरलाई के महंत श्री 108 श्री पूर्व अष्ट कौशल महंत रामानंद सरस्वती महाराज की समाधि पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। महाराजश्री ने श्री 108 महंत हीरानंद सरस्वती महाराज आश्रम मनणावास जसोल नागेश्वर धाम में श्री श्री 108 महंत हीरानंद सरस्वती महाराज को भी उनकी समाधि पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की।





श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने कहा कि योगीराज श्री 108 श्री खुशाल गिरी महाराज की जीवित समाधि जूना अखाड़ा उमरलाई के महंत श्री 108 श्री पूर्व अष्ट कौशल महंत रामानंद सरस्वती महाराज जूना अखाड़ा के बडे संत थे और उनका पूरा जीवन सनातन धर्म, भारतीय संस्कृति व जूना अखाड़ा के लिए समर्पित रहा। श्रीमहंत रामानंद सरस्वती जी महाराज का षोडशी भंडारा 9 अप्रैल को होगा जिसमें हजारों की संख्या में संत व भक्त भाग लेंगे। महाराजश्री ने ब्रहमलीन महंत रामानंद सरस्वती महाराज के शिष्यों विरानंद सरस्वती महाराज, सोमानंद सरस्वती महाराज, ठाकुर प्रेम सिंह राठौड नरपत सिंह करणी सेना से भी मुलाकात की। श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने श्री श्री 108 महंत हीरानंद महाराज सरस्वती आश्रम मनणावास जसोल नागेश्वर धाम में महंत हीरानंद सरस्वती जी महाराज की समाधि पर भी श्रद्धांजलि अर्पित की। महंत हीरानंद सरस्वती महाराज का शरीर दो वर्ष पूर्व पूरा हो गया। श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज अखाडे की परम्परा के अनुसार महंत हीरानंद सरस्वती महाराज के पंच गुरूओं में थे। चेतन गुफा डंडाली महंत श्री 108 चेतनानंद महाराज, शंकर सिंह वनात, रूपसिंह, गोविंद सिंह जगदीश सोढ़ा, किशन सिंह बालेरा जोयात सिंह रडिया, सभी भक्त भाविक मनणावास ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की।