डॉ पवन सिंहा व गुरू मां कविता अस्थाना भारत को पुनः विश्व गुरू बनाने के अभियान में जुटे हैंः श्रीमहंत नारायण गिरि
महाराजश्री बोले, पावन चिंतन धारा आश्रम आध्यात्मिक, शिक्षा, संस्कार, भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म का प्रमुख केंद्र बना
डॉ पवन सिंहा गुरूजी व गुरू मां कविता अस्थाना ने कहा, श्रीमहंत नारायण गिरि जैसे संत के आगमन से आश्रम धन्य हुआ
गाजियाबादः
सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता व दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने मंगलवार को
पावन चिंतन धारा आश्रम का भ्रमण किया। महाराजश्री ने आश्रम में होने वाली विभिन्न गतिविधियां भी देखीं, जिनके माध्यम से भारतीय परम्परा, विरासत, संस्कृति व गुरूकुल शिक्षा पद्धति की पुनर्स्थापना की जा रही है, इसके लिए उन्होंने डॉ पवन सिन्हा गुरुजी व आश्रम की संचालिका गुरू मां कविता अस्थाना की सराहना की। महाराजश्री का डॉ पवन सिंहा गुरूजी, गुरू मां कविता अस्थाना व आश्रम के स्वयंसेवकों ने स्वागत-अभिनंदन किया। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि आश्रम का वातावरण बहुत ही शात, आध्यात्मिक, सात्विक व मन को मोह लेने वाला है। ऐसे वातावरण में डॉ पवन सिंहा गुरूजी व गुरू मां कविता अस्थाना भारत का पुराना गौरव लौटाने व भारत को पुनः विश्व गुरू बनाने के अभियान में लगे हैं और इसमें उन्हें आश्रम के आसपास के गांवों के लोगों का भी पूरा सहयोग मिल रहा है।










पावन चिंतन धारा आश्रम ऐसा पवित्र केंद्र है, जो आध्यात्मिक विरासत को राष्ट्र सेवा के साथ जोड़कर देश के युवाओं में देशभक्ति का संचार कर रहा है। आश्रम में वीर नमन स्थल भी बनाया गया है। आश्रम में प्रत्येक दिन भारत माता की वंदना होती है और प्रतिदिन शिव, शक्ति व नारायण की पूजा-अर्चना होती है। भारत के ज्ञान को आधुनिक तकनीक से जोडकर भारत को मजबूत बनाया जा रहा है। जरूरतमंदों की सेवा में भी आश्रम आगे है और उन्हें भोजन, दवाइयाँ, कंबल, वस्त्र आदि उपलब्ध कराने के साथ ही रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से उनकी प्रतिभा को भी तराशा जा रहा है। जरूरतमंद बच्चों को शिक्षित करने के लिए आश्रम ने विभिन्न शहरों में विद्यालय भी स्थापित किए हैं। डॉ पवन सिंहा गुरूजी व गुरू मां कविता अस्थाना रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद के क्रांतिकारी आदर्शों के पद चिन्हों पर चलते हुए भारत को पुनः सोने की चिडिया बनाने के अभियान में जुटे हैं, जिसमें उनके पुत्र, उनके हजारों लाखों अनुयायियों व आश्रम के स्वयंसेवकों का भी सहयोग मिल रहा है। डॉ पवन सिंहा गुरूजी व गुरू मां कविता अस्थाना ने कहा कि श्रीमहंत नारायण गिरि जैसे सच्चे, सिद्ध व तपस्वी संत जो भारतीयता व सनातन धर्म का परचम पूरे विश्व में फहरा रहे हैं, उनके आश्रम में आगमन से भारत को पुनः विश्व गुरू व सोने की चिडिया बनाने के अभियान को और अधिक गति मिलेगी।