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श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने विश्व प्रसिद्ध केरल के गुरुवायूर मंदिर के दर्शन किए

सभी के सुख-समृद्धि व विश्व कल्याण की कामना से मंदिर में दीप जलाए।
महाराजश्री बोले, भगवान कृष्ण के बाल रूप के दर्शन करने मात्र से ही सभी संकट, रोग व कष्ट दूर हो जाते हैं।

केरलः
सिद्धपीठ श्री दूधेश्वरनाथ मठ महादेव मंदिर के पीठाधीश्वर, जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता एवं दिल्ली संत मंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने केरल के पवित्र शहर गुरुवायूर में विश्व प्रसिद्ध गुरुवायूर मंदिर के दर्शन किए। उन्होंने मंदिर में बाल रूप से विराजमान साक्षात भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना की और सभी की सुख-समृद्धि व विश्व कल्याण की कामना से दीप जलाए। मंदिर में एक लाख दीप जलाए गए। महाराजश्री 5 अक्टूबर से शुरू हुए ऐतिहासिक 10वें नारायणीयम् महोत्सव वैकुंठमृतम् में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने के लिए केरल पहुंचे हैं। समारोह 10 अक्टूबर तक चलेगा।

श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा:-

श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि मंदिर के दर्शन कर और भगवान कृष्ण के बाल रूप की पूजा-अर्चना करने से जो आत्मिक सुख-आनंद की प्राप्ति हुई, उसका वर्णन कर पाना किसी के लिए भी संभव नहीं है। यह मंदिर 5000 वर्ष पुराना है। देवगुरु बृहस्पति और वायुदेव ने कलियुग की शुरुआत में भगवान के इस अद्भुत रूप की स्थापना करने से ही भगवान का नाम गुरुवायुरप्पन और नगर का नाम गुरुवायूर पड़ा। मंदिर का निर्माण स्वयं विश्वकर्मा ने कराया और इसे दक्षिण का द्वारका भी कहा जाता है। देवगुरु बृहस्पति और वायुदेव के नाम पर ही भगवान का नाम गुरुवायुरप्पन और नगर का नाम गुरुवायूर पड़ा। मंदिर को भूलोक वैकुंठम् यानी धरती पर वैकुंठ लोक भी कहा जाता है।

भगवान के चतुर्भुजी बाल रूप :-

मंदिर में प्रवेश करते ही आलौकिक शक्ति, शांति व ऊर्जा का अहसास होता है। भगवान के चतुर्भुजी बाल रूप के दर्शन करते ही ऐसा प्रतीत होता है कि हम बैकुंठ धाम में भगवान का साक्षात्कार कर रहे हैं। भगवान के दर्शन मात्र से ही हर कष्ट, रोग व संकट से मुक्ति मिल जाती है।

10वें नारायणीयम् महोत्सव :-

10वें नारायणीयम् महोत्सव वैकुंठमृतम् में दूसरे दिन गणपति होमम् के बाद ब्राह्मश्री डॉ. किरण आनंद नम्बूथिरी ने धन्वंतरि पूजा की। पेरिंगरा केशवन नम्बूथिरी व आचार्य विद्यासागर गुरूमूर्ति ने कहा कि नारायणीयम् महोत्सव वैकुंठमृतम् भारत ही नहीं विश्वभर में धर्म व अध्यात्म की ज्योति प्रज्वलित कर रहा है।

दूसरे दिन के महोत्सव में सी. मोहनदास व आई. बी. सासी ने सभी का स्वागत किया। श्रीजीत एन व डॉ. लक्ष्मी आर ने प्रवचन की गंगा बहाई। पांडिचेरी के पीडब्ल्यूडी मंत्री के. लक्ष्मीनारायण, स्वामी कृष्णानंद सरस्वती व म्यूनिसिपल काउंसलर ज्योति रविंद्रनाथ ने कहा कि भगवान गुरुवायुरप्पन की कृपा सभी पर सदैव बनी रहेगी। डॉ. अय्यप्पन करियात ने पुस्तक विमोचन किया। आर. मनु व एस. सशिधरन मेनन ने पुरस्कार वितरित किए।

नारायणीय पारायणम्, तुलसी विवाह उत्सव, दीप आराधना का आयोजन भी हुआ। गुरुवायुरप्पन परिक्रमा और प्रसाद अर्पण में हजारों भक्तों ने भाग लिया।

1 Comment

  • Purshottam Lal Gour
    October 6, 2025

    Om namo narayan

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