श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज श्रीमहंत हरि गिरि महाराज की अध्यक्षता में हुई महासभा की बैठक में श्रीमहंत महेश पुरी महाराज व श्रीमहंत शैलेंद्र गिरि महाराज महामंत्री बने उपाचार्य महामंडलेश्वर कपिल पुरी महाराज ने दत्त भगवान के चरणों में उनके नामों की पुकार की काशीः श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा की महासभा की बैठक बुधवार की रात्रि 11.30 बजे तक चली। बैठक में सर्वसम्मति से पांच पदाधिकारियों का चुनाव हुआ। महासभा में श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज व श्रीमहंत उमाशंकर भारती महाराज को वरिष्ठ अध्यक्ष, श्रीमहंत मोहन भारती को अध्यक्ष, श्रीमहंत महेश पुरी महाराज व श्रीमहंत शैलेंद्र गिरि महाराज को महामंत्री बनाया गया। गुरूवार की सांय श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के उपाचार्य महामंडलेश्वर कपिल पुरी महाराज गोकर्ण धाम ने दत्त भगवान के चरणों में श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज, श्रीमहंत उमाशंकर भारती महाराज, श्रीमींत मोहन भारती महाराज, श्रीमहंत महेश पुरी महाराज, श्रीमहंत शैलेंद्र गिरि महाराज के नाम की पुकार की। चुनाव का प्रस्ताव श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज ने रखा था और उसका अनुमोदन जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने किया।






प्रस्ताव का समर्थन श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर व श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज, श्रीमहंत केदार पुरी महाराज, श्रीमहंत हीरा पुरी महाराज ने किया। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने बताया कि चुनाव श्री पंच दशनाम जूना अखाडा जपेश्वर महादेव आचार्य मठ वैजनत्था में श्रीमहंत हरि गिरि महाराज की अध्यक्षता में सवैसम्मति से हुआ। पंचों व अन्य पदाधिकारियों का चुनाव भी एक-दो दिन में हो जाएगा। श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने कहा कि सनातन धर्म मजबूत हो और उस पर जांे हमले हो रहे हैं, उन्हें नाकाम करते हुए सनातन धर्म का पूरे विश्व में प्रयार-प्रसार हो, इस उददेश्य से ही सर्वसम्मति से श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज व श्रीमहंत उमाशंकर भारती महाराज को वरिष्ठ अध्यक्ष, श्रीमहंत मोहन भारती को अध्यक्ष, श्रीमहंत महेश पुरी महाराज व श्रीमहंत शैलेंद्र गिरि महाराज को महामंत्री बनाया गया। पूर्व वरिष्ठ सभापति श्रीमहंत उमाशंकर भारती ने श्रीमहंत मोहन भारती महाराज को श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा की महासभा के समक्ष अपना उत्तराधिकारी नियुक्त करने की घोषणा की थी। उसके उपरांत श्रीमहंत मोहन भारती को सर्वसम्मति से अखाड़े का अध्यक्ष बनाया गया।