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5 दिवसीय तमिलनाडु धर्म यात्रा- श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज जी ने शुरू किया

3 फरवरी को पूज्य गुरुदेव श्रीमहन्त नारायण गिरि जी महाराज( श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर गाजियाबाद अन्तर्राष्ट्रीय प्रवक्ता सचिव श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा) ने तमिलनाडु धर्म यात्रा के लिये प्रस्थान किया।
3 फरवरी को वायुयान से 8:15 पर दिल्ली से चेन्नई के लिये प्रस्थान किया ,11 बजे चेन्नई के टर्मिनल 1 पर पधारे। जहाँ उनका भक्तो के द्वारा भव्य स्वागत किया गया। वहाँ से वो धर्मपुरी गये।

शिवनटराजन स्वामी जी ने स्वागत किया:-

5 दिवसीय धर्मयात्रा में शिवनटराजन स्वामी जी ने धर्मपुरी तमिलनाडु में पूज्य गुरुदेव श्रीमहन्त नारायण गिरि जी महाराज श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर गाजियाबाद अन्तर्राष्ट्रीय प्रवक्ता-सचिव श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा का पधारने पर स्वागत किया। साथ ही गोपी,संजय राज,मगी ,तिरूमल ने भी महाराज श्री से आशीर्वाद प्राप्त किया।

5 दिवसीय धर्मयात्रा में ये स्थान शामिल है:-

5 दिवसीय यात्रा मे मधुराई ,रामेश्वरम् ,मीनाक्षी मन्दिर ,दर्शन करते हुये तिरपतुर होते हुये 8 फरवरी को प्रातःकाल भगवान दूधेश्वर की सेवा के लिये चेन्नई से प्रस्थान करेंगे .जो भी राजस्थान प्रवासी भक्त दर्शनार्थ पधाराना चाहते है या जो भी भक्त दर्शन करना चाहते है वो लोग दर्शन करने पधारे । संपर्क सूत्र:- 09990481007, 08882888593

तमिलनाडु धर्मयात्रा के प्रथम दिवस पर:-

तमिलनाडु यात्रा के प्रथम दिवस(( 3 फरवरी 2021)) पर सायंकाल प्रचीन शिव मन्दिर सोमेश्वर महादेव ,सोलत नारायण ,ग्राम कणक तूर जिला धर्मपुर मे शिव मन्दिर जीर्णोद्धार भूमि पूजन की पूर्व सन्ध्या पर श्रीमहन्त नारायण गिरि जी महाराज श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर गाजियाबाद अन्तर्राष्ट्रीय प्रवक्ता सचिव श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा ,108 शिव मन्दिरो.का जीर्णोद्धार करा चुके नटराजन स्वामी जी के साथ महाराज श्री ने मुख्य अतिथि के रूप मे उपस्थित होकर पूजन अभिषेक हवन मे भाग लिया ,कल तमिल पद्धति से महाराज श्री के मुख्य आतिथ्य मे भूमि पूजन होकर जीर्णोद्धार कार्य प्रारम्भ होगा ,महाराज श्री के साथ संजय राज ,चूणामणि ,एवं अन्य सैकडो ग्राम वासियों की उपस्थिति मे भूमि पूजन पूर्व देवी देवता पूजन तमिल पद्धति से सम्पन्न हुआ ।

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तमिलनाडु धर्मयात्रा के द्वितीय दिवस:-

तमिलनाडु यात्रा के द्वितीय दिवस(( 4 फरवरी 2021)) प्रातःकाल कणक तूर गांव के बाहर शोभा यात्रा पूरे गावं मे भ्रमण करके प्रचीन शिव मन्दिर सोमेश्वर महादेव ,सोलत नारायण ,ग्राम कणक तूर जिला धर्मपुर मे पहची, शिव मन्दिर जीर्णोद्धार  भूमि पूजन  पर श्रीमहन्त नारायण गिरि जी महाराज श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर गाजियाबाद अन्तर्राष्ट्रीय प्रवक्ता सचिव  श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा ,108 शिव मन्दिरो.का जीर्णोद्धार करा चुके नटराजन स्वामी जी के साथ महाराज श्री ने मुख्य अतिथि के रूप मे उपस्थित होकर पूजन अभिषेक हवन मे भाग लिया ,तदोपरान्त तमिल पद्धति से महाराज श्री के मुख्य आतिथ्य मे भूमि पूजन सम्पन्न होकर जीर्णोद्धार कार्य प्रारम्भ हुआ ,महाराज श्री के साथ संजय राज ,चूणामणि , योगेन्द्र पाल सिंह चम्पावत जी एवं अन्य सैकडो ग्राम वासियों की उपस्थिति मे भूमि पूजन शोभायात्रा बहुत धूम धाम से नृत्य संगीत के साथ सम्पन्न हुआ ।

तमिलनाडु धर्मयात्रा के तृतीय दिवस:-

आज धार्मिक यात्रा ( 5 फरवरी 2021) के तृतीय दिवस पर भगवान श्री राम द्वारा पूजित स्थापित ज्योतिर्लिंग रामेश्वरम् के पूज्य गुरूदेव श्रीमहन्त नारायण गिरि जी महाराज श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर गाजियाबाद अन्तर्राष्ट्रीय प्रवक्ता सचिव श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा ने दर्शन किया, सीताराम आश्रम अन्न क्षेत्र मे जाकर महन्त सीताराम दास जी महाराज से भेट किया साथ ही पारस नाथ जी ,से भेट किया ,तदोपरान्त धनुष कोटी राम सेतु, राम झरोखा के दर्शन मेला हुआ साथ मे गोपी अन्ना ,संजय राज,मगी अन्ना भी यात्रा मे साथ है ।

सांयकाल रामनाथ पुरम् मे तिरूकोशाई मंगाई उत्ताराई मन्दिर मे महाराज श्री ने दर्शन किया ,तिरूकोशाई मन्दिर मे मां पार्वती को ईश्वर ने वेदो का ज्ञान दिया था इसलिये इसको उत्तर कोस मंगे के नाम से भी जातने है ,यहा पर नटराजन स्वामी का बहुत प्राचीन मन्दिर है ,यहा का 3000 वर्षो से भी पुराना.इतिहास है और यह मन्दिर रामनाथ पुरम रियासत के अधीन है आज यहा पर दर्शन.पूजन हुआ ,

तमिलनाडु धर्मयात्रा के चतुर्थ दिवस:-

आज 5 दिवसीय यात्रा के चतुर्थ दिवस पर मदुराई तमिलनाडु मे पूज्य गुरूदेव श्रीमहन्त नारायण गिरि जी महाराज श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर गाजियाबाद अन्तर्राष्ट्रीय प्रवक्ता सचिव श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा ने प्रातः काल मीनाक्षी अम्मा के दर्शन पूजन किया तदोपरान्त राजस्थान के प्रवासी भक्तो के उद्योग संस्थान मे जाकर पगलिये करके आशीर्वाद दिया ,जिसमे भगवान सिंह भायल जी ,गणपत सिंह भाटी जी,डाया लाल सुथार,विक्रम कुमार प्रजापति ,राजेन्द्र सिंह सोडा,कान सिंह बालावत ,सतीश कुमार राजपुरोहित, बाबुलाल जी राजपुरोहित सहित अन्य भक्तो के दुकान मे जाकर आशीर्वाद दिया ,भगवान सिंह भायल पीपलून के घर जाकर भोजन प्रसाद ग्रहण करके समस्त परिवार जनो को आशीर्वाद दिया , महाराज श्री के साथ गोपी अन्ना,मगी अन्ना,संजय राज उपस्थित थे।

  • चतुर्थ दिवस पर सांयकाल तंजावुर:- चतुर्थ दिवस पर सांयकाल तंजावुर तमिलनाडु में राजराजेश्वरम् बृहदेश्वर महादेव (बड़ा मन्दिर) में जाकर पूज्य गुरुदेव श्रीमहन्त नारायण गिरि जी महाराज श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर गाजियाबाद अन्तर्राष्ट्रीय प्रवक्ता-सचिव श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा ने भगवान भोलेनाथ के दर्शन पूजन किया ,साथ में गोपी अन्ना, मगी अन्ना, संजय राज उपस्थित थे .
  • राजराजेश्वरम् बृहदेश्वर महादेव:- बृहदीश्वर मन्दिर या राजराजेश्वरम् तमिलनाडु के तंजौर में स्थित एक हिंदू मंदिर है जो 11वीं सदी के आरम्भ में बनाया गया था। इसे पेरुवुटैयार कोविल भी कहते हैं। यह मंदिर पूरी तरह से ग्रेनाइट नि‍र्मि‍त है। विश्व में यह अपनी तरह का पहला और एकमात्र मंदिर है जो कि ग्रेनाइट का बना हुआ है। यह अपनी भव्यता, वास्‍तुशिल्‍प और केन्द्रीय गुम्बद से लोगों को आकर्षित करता है। इस मंदिर को यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया है।
  • बृहदीश्वर मंदिर का प्रवेश द्वार इसका निर्माण 1003-1010 ई. के बीच चोल शासक प्रथम राजराज चोल ने करवाया था। उनके नाम पर इसे राजराजेश्वर मन्दिर का नाम भी दिया जाता है। यह अपने समय के विश्व के विशालतम संरचनाओं में गिना जाता था। इसके तेरह (13) मंजिलें भवन (सभी हिंदू अधिस्थापनाओं में मंजिलो की संख्या विषम होती है।) की ऊंचाई लगभग 66 मीटर है। मंदिर भगवान शिव की आराधना को समर्पित है।
  • यह कला की प्रत्येक शाखा – वास्तुकला, पाषाण व ताम्र में शिल्पांकन, प्रतिमा विज्ञान, चित्रांकन, नृत्य, संगीत, आभूषण एवं उत्कीर्णकला का भंडार है। यह मंदिर उत्कीर्ण संस्कृत व तमिल पुरालेख सुलेखों का उत्कृष्ट उदाहरण है। इस मंदिर के निर्माण कला की एक विशेषता यह है कि इसके गुंबद की परछाई पृथ्वी पर नहीं पड़ती। शिखर पर स्वर्णकलश स्थित है। जिस पाषाण पर यह कलश स्थित है, अनुमानत: उसका भार 2200 मन (80 टन) है और यह एक ही पाषाण से बना है। मंदिर में स्थापित विशाल, भव्य शिवलिंग को देखने पर उनका वृहदेश्वर नाम सर्वथा उपयुक्त प्रतीत होता है।
  • मंदिर में प्रवेश करने पर गोपुरम्‌ के भीतर एक चौकोर मंडप है। वहां चबूतरे पर नन्दी जी विराजमान हैं। नन्दी जी की यह प्रतिमा 6 मीटर लंबी, 2.6 मीटर चौड़ी तथा 3.7 मीटर ऊंची है। भारतवर्ष में एक ही पत्थर से निर्मित नन्दी जी की यह दूसरी सर्वाधिक विशाल प्रतिमा है।

मीनाक्षी अम्मा मन्दिर का संक्षिप्त परिचय:-

भगवान शिव पृथ्वी पर [सुन्दरेश्वरर] रूप में स्वयं देवी पार्वती पृथ्वी पर [मिनाक्षी] से विवाह रचाने अवतरित हुए। देवी पार्वती ने पूर्व में पाँड्य राजा मलयध्वज, मदुरई के राजा की घोर तपस्या के फलस्वरूप उनके घर में एक पुत्री के रूप में अवतार लिया था, वयस्क होने पर उसने नगर का शासन संभाला। तब भगवान आये और उनसे विवाह प्रस्ताव रखा, जो उन्होंने स्वीकार कर लिया। इस विवाह को विश्व की सबसे बडी़ घटना माना गया, जिसमें लगभग पूरी पृथ्वी के लोग मदुरई में एकत्रित हुए थे। भगवान विष्णु स्वयं, अपने निवास बैकुण्ठ से इस विवाह का संचालन करने आये। ईश्वरीय लीला अनुसार इन्द्र के कारण उनको रास्ते में विलम्ब हो गया। इस बीच विवाह कार्य स्थानीय देवता कूडल अझघ्अर द्वारा संचालित किया गया। बाद में क्रोधित भगवान विष्णु आये और उन्होंने मदुरई शहर में कदापि ना आने की प्रतिज्ञा की। और वे नगर की सीम से लगे एक सुन्दर पर्वत अलगार कोइल में बस गये। बाद में उन्हें अन्य देवताओं द्वारा मनाया गया, एवं उन्होंने मीनाक्षी-सुन्दरेश्वरर का पाणिग्रहण कराया।

श्रीमहंत नारायण गिरि जी महाराज आशीर्वाद देते हुए।

विश्व सावंद सम्पर्क सचिव अमित कुमार शर्मा

श्री दूधेश्वर नाथ मन्दिर गाजियाबाद उत्तर प्रदेश

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