भूचर मोरी शहीद स्मारक ट्रस्ट ने भूचर मोरी की लड़ाई के शहीद योद्धाओं की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया
श्रद्धांजलि सभा के मुख्य अतिथि महाराजश्री रहे.
हजारों युवतियों की तलवारबाजी को गिनीज बुक में दर्ज किया जा चुका हैः डॉ जयेंद्र सिंह जडेजा
गुजरातः
24 अगस्त को सायंकाल पूज्य गुरूदेव श्रीमहन्त नारायण गिरि जी महाराज श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर गाजियाबाद अन्तराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा ,राष्ट्रीय अध्यक्ष दिल्ली सन्त महामण्डल रा०रा क्षेत्र दिल्ली ,अध्यक्ष हिन्दू युनाइटेड फ्रंट दिल्ली राजकोट पधारे वहा पर राजस्थान के प्रवासी भक्तजन व भूचर मोरी जडेजा राजपूत समाज अहमदाबाद के सदस्यो ने एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत किया रात्री विश्राम सर्किट हाउस राजकोट हुआ ,25 अगस्त को भूचर मोरी मैदान ग्राम ध्रोल जिला जामनगर गुजरात मे आयोजित कार्यक्रम मे राजपूत वीर सैनानियों शहिदो जो कि मुगलो के शासक अकबर से युद्ध करते हुये 33 हजार राजपूत वीरगति को प्राप्त हुये थे उनको श्रद्धांजलि सभा व घुडसवारी व.तलवारी बाजी की प्रतियोगिता का 33 वा वर्ष आयोजित हुआ जिसमे मुख्य अतिथि के रूप मे पूज्य गुरुदेव ने.भाग लिया भूचर मोरी राजपूत समाज के अध्यक्ष डा जयेन्द्र सिंह जाडेजा जी एवं अन्य सभी ने पूज्य गुरुदेव का स्वागत सम्मान किया ,महाराज श्री ने उपस्थित विशाल जन समूह को जागरूक संदेश आत्मबल का ज्ञान दिया ,कार्यक्रम मे भारत वर्ष के विभिन्न राज्यो के राजपूत राजवंश के उत्तराधिकारी उपस्थित रहे तत्पश्चात राजस्थान के प्रवासी भक्तो के व्यवसाय केन्द्र मे जाकर पूज्य गुरुदेव नेपाल पगलिया करके आशीर्वाद जिसमे
कालू सिंह राजपुरोहित, कल्याण सिंह भायल जी ,शम्भू सिंह राठौड ,जोगेन्द्र सिंह चम्पावत ,विक्रम सिंह राठौड ,विक्रम सिंह काबावत,शेर सिंह ,लाख सिंह ,भीम सिंह ,हडमत सिंह ,डूंगर सिंह ,आदि भक्तो के व्यवसायिक केंद्रों पर जाकर आशीर्वाद दिया ।
शहीद योद्धाओं को हजारों लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की:-
भूचर मोरी शहीद स्मारक ट्रस्ट द्वारा रविवार 25 अगस्त को भूचर मोरी शहीद श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। श्रद्धांजलि सभा में भूचर मोरी की लड़ाई के शहीद योद्धाओं को हजारों लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि सभा के मुख्य अतिथि श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने शहीद योद्धाओं को श्रद्धांजलि अर्पित की व उनकी वीरता व शौर्यता को नमन किया। महाराजश्री ने कहा कि गुजरात की धरती शूरवीरों की धरती मानी जाती है। यहां के शूरवीरों ने धर्म व देश की रक्षा अपना बलिदान देकर की है। उनकी वीरता व शौर्यता की मिसाल पूरे विश्व में दी जाती है। भूचर मोरी की लड़ाई गुजरात के शूरवीरों की वीरता व शौर्यता का प्रतीक है। यह लड़ाई जामनगर के शासक और जाडेजा राजपूत राजवी जाम श्री सताजी व मंुगल शासक के बीच लडी गई थी। मंुगल शासक कई गुना अधिक बड़े और शक्तिशाली थे, इसके बावजूद जामनगर के शासक और जाडेजा राजपूत राजवी जाम श्री सताजी ने वीर साथियों के साथ मुगल सल्तनत को हिलाकर रख दिया था।
उन्होंने अपना बलिदान देकर भी अपनी शरण में आए गुजरात के आखिरी बादशाह मुज्जफर शाह तृतीय की रक्षा की और पूरे विश्व को यह संदेश दिया कि शरणागत की रक्षा करना क्षत्रिय का धर्मं है और शरणागत की रक्षा करने के लिए वे अपने प्राण देने से भी पीछे नहीं हटते हैं। यह भयानक युद्ध लगभग 500 वर्ष पहले जामनगर जिले के ध्रोल नगर से 2 किमी की दूरी पर भुचर मोरी की भूमि पर हुआ था, जिसे सौराष्ट्र और गुजरात के इतिहास की सबसे वीरतापूर्वक लड़ी गई लड़ाइयों में गिना जाता है। इसकी तुलना पानीपत के युद्ध से भी की जाती है। महाराजश्री ने राजपूत भवन का लोकापर्ण भी किया। श्रद्धांजलि सभा में युवकों व युवतियों-महिलाओं ने तलवारबाजी का अदभुत प्रदर्शन करके सभी को हैरान कर दिया। ट्रस्ट के संस्थापक व श्रद्धांजलि सभा के आयोजक डॉ जयेंद्र सिंह जडेजा ने बताया कि भुचर मोरी की भूमि पर राजपूतों ने यह लड़ाई तकरीबन 500 साल पहले लड़ी थी। उस लड़ाई में कुंवर अजाजी और उनके हजारों वीर साथियों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। उनकी स्म़ति में ही यहां पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर शहीद योद्धाओं को श्रद्धांजलि दी जाती है और वीरता से जुड़े आयोजन किए जाते हैं। यहां पर हजारों युवतियां व महिलाएं एक साथ तलवार रास यानि तलवारबाजी कर चुकी हैं, जिसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज किया जा चुका है।
चरण नमन गुरुदेव👏
संस्कृति के संरक्षण में संत महात्माओं का आशीर्वाद बना रहे
Sachhi sradhanjali 11 mullock ki bali har saal…
Om namo narayan