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शारदीय नवरात्रि 2022 तृतीय दिवस

जय दूधेश्वर महादेव
(शारदीय नवरात्रि 2022 तृतीय दिवस)
आज भीमां भगवती जगद् जननी मां जगदम्बा के तृतीय स्वारूप का पूजन पूज्य गुरुदेव श्रीमहन्त नारायण गिरि जी महाराज श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर गाजियाबाद अन्तर्राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के अध्यक्षता एवं सानिध्य में सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मठ मन्दिर गाजियाबाद में मां भगवती का पूजन श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ नवार्ण मंत्र का जाप  आचार्य नित्यानंद जी एवं दूधेश्वर वेद विद्यालय के छात्रों द्वारा चल रहा है ,साथ ही दूधेश्वर मठ की शाखा प्राचीन सिद्ध पीठ बाला त्रिपुरा सुन्दरी देवी मन्दिर दिल्ली गेट में महन्त गिरिशा नन्द गिरि जी के आयोजन में पं राम मनोहर अग्निहोत्री जी एवं अन्य ब्राह्मणों द्वारा पाठ पूजन जाप हवन यज्ञ चल रहा है ,

नित्यानंद आश्रम श्रीधाम वृन्दावन में महन्त वी पी गिरि जी के आयोजन में आचार्य अमित कुमार शर्मा जी के द्वारा शतचंडी अनुष्ठान चल रहा है , कोटेश्वर महादेव मन्दिर गुडानाला सिवाना राजस्थान में पूज्य गुरुदेव श्रीमहन्त नारायण गिरि जी महाराज के पावन सानिध्य एवं मुख्य अतिथ्य में योगीराज महन्त सत्यम गिरि जी के आयोजन में चल रहे शतचंडी महायज्ञ,

श्रीमद् भागवत कथा में आज कथा प्रवक्ता श्री विचाराराम जी ने भागवत के बहुत मार्मिक प्रसंग उपस्थिति जनमानस को श्रवण कराया ,जसोल धाम बालोतरा बाड़मेर राजस्थान में माता राणी भटियाणी माता के चरणों में आचार्य अभिषेक जोशी जी के नेतृत्व में शतचंडी यज्ञ अनुष्ठान चल रहा है ,साथ ही रानी रूपांदे,रावल मल्लीनाथ जी की समाधी पालिया , नर्मदेश्वर महादेव,जसोल गढ़ में आचार्य तोयराज उपाध्याय जी , आचार्य विकास पाण्डेय जी,दीपक भट्ट जी , दीपांकर पाण्डेय जी के द्वारा मां भगवती का पूजन पाठ जप चल रहा है , विशेष रूप से महाराज श्री का नवरात्रि अनुष्ठान रानी भटियानी माता के चरणों में चल रहा है ,जिसके यजमान एवं आयोजक रावल किशन सिंह जी,कुंवर हरिश्चन्द्र सिंह जी महाराज श्री के सानिध्य में अनुष्ठान में भाग लेकर धर्मलाभ प्राप्त कर रहे हैं चंद्रघंटा : मां दुर्गा की तीसरी शक्ति हैं चंद्रघंटा नवरात्रि में तीसरे दिन इसी देवी की पूजा-आराधना की जाती है। देवी का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। इसीलिए कहा जाता है कि हमें निरंतर उनके पवित्र विग्रह को ध्यान में रखकर साधना करना चाहिए।  

उनका ध्यान हमारे इहलोक और परलोक दोनों के लिए कल्याणकारी और सद्गति देने वाला है। इस देवी के मस्तक पर घंटे के आकार का आधा चंद्र है। इसीलिए इस देवी को चंद्रघंटा कहा गया है।इनके शरीर का रंग सोने के समान बहुत चमकीला है। इस देवी के दस हाथ हैं। वे खड्ग और अन्य अस्त्र-शस्त्र से विभूषित हैं।सिंह पर सवार इस देवी की मुद्रा युद्ध के लिए उद्धत रहने की है। इसके घंटे  भयानक ध्वनि से अत्याचारी दानव-दैत्य और राक्षस कांपते रहते हैं। नवरात्रि में तीसरे दिन इसी देवी की पूजा का महत्व है। इस देवी की कृपा से साधक को अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं। दिव्य सुगंधियों का अनुभव होता है और कई तरह की ध्वनियां सुनाईं देने लगती हैं। इन क्षणों में साधक को बहुत सावधान रहना चाहिए। इस देवी की आराधना से साधक में वीरता और निर्भयता के साथ ही सौम्यता और विनम्रता का विकास होता है। इसलिए हमें चाहिए कि मन, वचन और कर्म के साथ ही काया को  विधि-विधान के अनुसार शुद्ध-पवित्र करके चंद्रघंटा के शरणागत होकर उनकी उपासना-आराधना करना चाहिए। इससे सारे कष्टों से मुक्त होकर सहज ही परम पद के अधिकारी बन सकते हैं। यह देवी कल्याणकारी है। 


    हर हर महादेव
विश्व संवाद सम्पर्क सचिवअमित कुमार शर्मा श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मठ मन्दिर गाजियाबाद उत्तर प्रदेश

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