राजस्थान सेवा संघ, मारवाड़ी समाज व 36 कौम के राजस्थानी लोगों ने महाराजश्री से भेंटकर उनका आशीर्वाद लिया
श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज बोले, केरल हरिहर अर्थात भगवान विष्णु व भगवान शिव की भूमि है
केरलः
केरल की सात दिवसीय देवदर्शन, अनुष्ठान व धर्मयात्रा के दौरान सिद्धपीठ श्री दूधेश्वरनाथ मठ महादेव मंदिर के पीठाधीश्वर, जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता एवं दिल्ली संत मंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज का जगह-जगह स्वागत-अभिनंदन किया जा रहा है। हजारों भक्त उनसे भेंटकर आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं।
त्रि शूर में राजस्थान सेवा संघ, मारवाड़ी समाज व 36 कौम के राजस्थानी लोगों ने एम.जी. रोड स्थित मोंती महल में महाराजश्री के सम्मान में स्वागत समारोह का आयोजन किया, जिसमें हजारों भक्तों ने उनका स्वागत-अभिनंदन किया और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
भाजपा की महामंत्री शोभा सुरेंद्र ने भी उनका स्वागत व अभिनंदन किया। समाज की ओर से शोभा सुरेंद्र, भाजपा के मंडल अध्यक्ष राघवेंद्र राज और प्रवीण राज को भी सम्मानित किया गया।











श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि:-
श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि केरल हरिहर अर्थात भगवान विष्णु और भगवान शिव की भूमि है। यहां एक ओर विश्व प्रसिद्ध भगवान गुरुवायूरप्पन अर्थात भगवान श्रीकृष्ण का मंदिर और त्रिप्रायर श्रीराम मंदिर हैं, तो वहीं दूसरी ओर पेरुवनम महादेव मंदिर, पुन्कुन्नम शिव मंदिर और वडक्कुनाथन मंदिर जैसे विश्वविख्यात शिव मंदिर भी हैं। वास्तव में केरल एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार रूप दे रहा है। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण ने मथुरा में जन्म लिया और गोकुल में उनका पालन-पोषण हुआ, जबकि यहां केरल में उनका विश्व प्रसिद्ध भगवान गुरुवायूरप्पन मंदिर है, जिसमें भगवान कृष्ण बाल रूप में साक्षात विराजमान हैं।
- इसी प्रकार भगवान राम और उनके भाई भरत, लक्ष्मण व शत्रुघ्न का जन्म अयोध्या में हुआ, और चारों भाइयों की मूर्तियाँ त्रिप्रयार के तट पर एक मछुआरे को मिलीं, जिसने उन्हें क्रमशः त्रिप्रयार, तिरुमूझिक्कलम, कूडलमाणिक्कम और पय्यमेल में स्थापित किया। चारों स्थानों पर बने मंदिर आज देश-विदेश में विख्यात हैं। वहीं पेरुवनम महादेव मंदिर की स्थापना हस्तिनापुर के राजा ययाति के पुत्र पूरु महर्षि ने की थी। वडक्कुनाथन मंदिर भगवान परशुराम द्वारा स्थापित पहला शिव मंदिर माना जाता है।
- उन्होंने केरल में रहने वाले राजस्थान के लोगों की भी सराहना की और कहा कि वे केरल में भी अपनी परंपरा, संस्कृति व विरासत को कायम रखते हुए धर्म और अध्यात्म की ज्योति जला रहे हैं।
- महाराजश्री ने कहा कि यह उनका सौभाग्य और भगवान की कृपा है कि उन्हें ऐतिहासिक 10वें नारायणीयम् महोत्सव ‘वैकुंठमृतम्’ में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने का अवसर प्राप्त हुआ। आज यह महोत्सव पूरे विश्व को नई दिशा और नई दशा प्रदान कर रहा है।
- भाजपा की महामंत्री शोभा सुरेंद्र ने कहा कि श्रीमहंत नारायण गिरि जैसे सिद्ध व तपस्वी संत के शामिल होने से नारायणीयम् महोत्सव वैकुंठमृतम् की भव्यता और दिव्यता और भी बढ़ गई है।
- महोत्सव में सुरेंद्र सिंह चम्पावत, नकल सिंह काबावत, मोहन सिंह पड़ियार, प्रवीण सिंह पादरू, दशरथ सिंह राव, सुजाराम पटेल, चांद गोपालन, विजय राज समेत हजारों भक्त उपस्थित रहे।