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श्रीमहंत हरि गिरि महाराज के नेतृत्व में हजारों साधु-संतों ने त्र्यंबकेश्वर महादेव का दर्शन पूजन व अभिषेक कियाः श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज

साधु-संतों ने नील पर्वत पर बावडियों, बगीचों व फार्म हाउस का भ्रमण भी किया

त्र्यंबकेश्वरः
वर्ष 2027-28 में त्र्यंबकेश्वर- नासिक में लगने वाले सिंहस्थ कुंभ महापर्व को लेकर होने वाली महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेने के लिए देश भर से हजारों साधु-संत पहुंच चुके हैं। शुक्रवार को जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज के नेतृत्व में साधु-संतों ने त्र्यंबकेश्वर महादेव का दर्शन पूजन व अभिषेक किया। सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर महादेव मंदिर गाजियाबाद के पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता व दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने बताया कि भगवान के दर्शन-पूजन व अभिषेक के पश्चात नील गिरि पर्वत पर 70 एकड जमीन जिसमें पांच बावडिया, जल स्रोत, 5 बगीचे आदि हैं, उनका निरीक्षण किया गया। श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधरोपण आदि की व्यवस्था को भी देखा। अखाडे के फार्म हाउस जिसमें जूना अखाडे के पंच परमेश्वर रहते हैं, उसका भ्रमण भी उनके नेतृत्व में किया गया।

पंच परमेश्वर कुंभ मेले की व्यवस्था को देखेंगे। फार्म हाउस में अंगूर, काजू, आम, नारियल आदि के बगीचे हैं, उन बगीचों का निरीक्षण भी किया गया। श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने कहा कि त्र्यंबकेश्वर महादेव मंदिर की बहुत अधिक मान्यता है। यहां पूजा-अर्चना करने से सभी कष्ट दूर होते हैं। यह बारह ज्‍योर्तीलींग मे से एक है और इसमें मंदिर के गर्भ गृह में शिव जी का पिंड है। उस पिंड के मध्य में अंगूठे के आकार के तीन उभार हैं, जिन्हें ब्रहमा, विष्णु और महेश के नाम से जाना जाता है। नील पर्वत पर माता नीलाम्बिका और माता मटंबा के मंदिर है, जिसमें माता की नैसर्गिक मूर्तियां हैं। थोडा ऊपर जाने पर भगवान दत्तात्रेय का मंदिर है और उस के पीछे भगवान नीलकंठेश्वर महादेव का मंदिर है।

सिंहस्थ महाकुंभ:-

श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने बताया कि सिंहस्थ महाकुंभ के लिए तैयारियां चल रही हैं। महाकुंभ को सफल व ऐतिहािसक बनाने के लिए साधू-संतों के साथ बैठक की जाएगी जिसमें भाग लेने के लिए श्रीमहंत हरि गिरि महाराज के नेतृत्व में देश भर से साधु-संत पहुंच चुके हैं। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के वरिष्ठ सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज, वरिष्ठ सभापति श्रीमहंत उमाशंकर भारती महाराज, वर्तमान सभापति श्री महंत मोहन भारती महाराज, जूना अखाड़ा के उपाध्यक्ष श्रीमहंत केदारपुरी महाराज, महामंत्री श्रीमहंत महेश पुरी महाराज, महामंत्री श्रीमहंत शैलेंद्र गिरि महाराज, सचिव श्रीमहंत कंचन गिरि महाराज, दिल्ली संत महामंडल के कोषाध्यक्ष महंत धीरेंद्र पुरी महाराज, श्रीमहंत रामेश्वर गिरि महाराज, मंत्री मृत्युंजय पुरी महाराज, थानापति महंत जनक पुरी, थानापति नीलकंठ महाराज, श्रीमहंत विष्णु गिरि महाराजश, मंत्री उज्जैन रामेश्वरानंद गिरि महाराज, श्रीमहंत कमल गिरि महाराज थानापति आदित्य गिरि महाराज, महामंडलेश्वर शारदानंद गिरि महाराज, निर्वाण मंत्री साध्वी शैलजानंद गिरि महाराज, अखाडे के पंडित आचार्य त्रिविक्रम महाराज, सरला, ठेकेदार सुबोध आदि भी मौजूद रहे।

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