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प्रकृति ही हमारी असली संपत्ति है, इसका संरक्षण करना हम सभी का पहला कर्त्तव्य हैः श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज


विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस पर नगर निगम ने श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में पौधरोपण किया

गाजियाबादः
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस पर रविवार को नगर निगम द्वारा सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में पौधरोपण किया गया। पौधरोपण कार्यक्रम का उदघाटन मुख्य अतिथि दूधेश्वर पीठाधीश्वर श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज व नगरायुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने किया। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि हमारे देश में प्रकृति की प्राचीन समय से ही प्रकृति की पूजा-अर्चना होती आई है। हमने वृक्षों को भगवान का रूप मानकर उनकी सेवा व आराधना की। यही कारण रहा कि प्राचीन समय में हमारा देश इतना समृद्ध था कि सोने की चिडिया कहलाता था। देश ही नहीं पूरे विश्वकी असली संपत्ति प्रकृति ही है। अतः इसका हम जितना संरक्षण करेंगे उतना ही हम खुशहाल व स्वस्थ होते जाएंगे और हमारे जीवन में सुख-समृद्धि आती जाएगी।

यह दुर्भाग्य की बात है कि आज हम प्रकृति का संरक्षण करने की बजाय उसका भक्षण कर रहे हैं। बिना ऑक्सीजन के कोरोना काल में जो हालत हुई, उससे भी हमने सबक नहीं लिया, यही कारण है कि आज पृथ्वी निरंतर गरम हो रही है। प्रदूषण इतना अधिक हो गया है कि लोगों का सांस तक लेना मुश्किल हो रहा है। अगर हम अब भी नहीं चेते तो स्थिति और भी भयावह होगी। हमें यह याद रखना होगा कि वृक्षों में ही हमारी जान बसी है। जब तक वृ़क्ष हैं तब तक ही हमारा अस्तित्व है। जिस दिन वृक्ष नहीं होंगे, उस दिन जीवन ही खत्म हो जाएगा। अतः प्रकृति संरक्षण के लिए सभी आगे आएं और अधिक से अधिक पौधे लगाकर उनकी देखभाल करें। नगरायुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने सभी से अपील की कि प्रकृति संरक्षण में सभी सहयोग करें। उद्यान प्रभारी डॉ अनुज सिंह, अपर नगर आयुक्त अरूण कुमार यादव, जीएम जल के पी आनंद, प्रकाश प्रभारी आश कुमार, दूधेश्वर वेद विद्यालय संस्थान के आचार्य तोयराज उपाध्याय, आचार्य नित्यानंद, आचार्य रोहित त्रिपाठी आचार्य विकास पांडे आदि ने भी पौधरोपण किया।

1 Comment

  • Jyotendra Gaur
    July 29, 2024

    गुरुदेव चरण नमन👏👏

    सत्य है प्रकृति जोगमाया है भगवान है जो प्राणी मात्र को जीवन देती है और पालन करती है इसका सवरक्षण मानव का धर्म है
    ना कि इसका दोहन करना

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