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15 दिवसीय राजस्थान जन जागरण धर्म यात्रा-चैत्र शुक्ल नवरात्रि पंचम दिवस पूजन

जय दूधेश्वर महादेव 
!!15 दिवसीय राजस्थान जन जागरण धर्म यात्रा!!
चैत्र शुक्ल नवरात्रि पंचम दिवस पूजन ,स्कंदमाता पूजन और साथ ही आज मां चामुण्डा माता के चरणों में ठिकाना आहोर रावला जिला जालोर राजस्थान में पूज्य गुरुदेव श्रीमहन्त नारायण गिरि जी महाराज दूधेश्वर पीठाधीश्वर गाजियाबाद अन्तर्राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के पावन सानिध्य एवं अध्यक्षता में पंचम स्वारूप स्कन्द माता का पूजन हवन यज्ञ राजमाता जी , ठाकुर महिपाल सिंह जी ,उनकी श्रीमती जी कुंवर विरम देव सिंह जी,पुत्री भुवनेश्वरी जी सभी ने पूजन यज्ञ आचार्य डा कैलाश नाथ तिवारी जी के नेतृत्व में आचार्य तोयराज उपाध्याय जी, आचार्य विकास पाण्डेय जी,आचार्य प्रवीन ओझा जी एवं अन्य वैदिक ब्राह्मणों ने हवन पूजन मां की आरती करवा कर पंचम दिवस पूजन सम्पन्न हुआ , मध्यान्ह काल मां चामुण्डा माता मन्दिर में जाकर पूजन आरती किया , 

चामुण्डा माता मन्दिर इतिहास :-         

आहोर के दक्षिण में विराजित चामुंडा माता पूरे आहोर की रक्षा करती हुई प्रतीत होती है। आहोर सहित आस पास की अधिष्ठात्री देवी मां चामुंडा के बारे में पूरे मारवाड़ में ” सर सुंधा, धड़ कोटड़ा, पगला पिछोला री पाल। आपो आप विराजौ आहोर में, गले फूलों री माल “यह दोहा जन-जन की जुबान पर है। चामुंडा माता का पूरा शरीर यहां में स्थित ऐतिहासिक मंदिर में विराजित है।इस दोहे के अनुसार माताजी का सिर का भाग सुंधा पर्वत पर, धड़ का भाग कोटड़ा में, मां के चरण पिछौला में स्थित है। आहोर में विराजित पूरे शरीर के बारे में तो कोई मतभेद नहीं है। हालांकि कोटड़ा व पिछौला के बारे में मतान्तर है। प्रत्येक नवरात्रि में माता के दर्शनों के लिए दर्शनार्थियों की भारी भीड़ उमडती है। आहोर माताजी के परचे भी खूब प्रसिद्घ है। इस मंदिर की स्थापना सैकड़ों वर्षों पूर्व मानी गई है। आहोर के ठाकुर वैरिदास को मानते है। उन्होंने ही उस समय इस विशाल आहोर नगर की स्थापना छोटे से गांव आवरी के रूप में की थी। कस्बे की स्थापना के बाद एक समय तत्कालीन ठाकुर अनारसिंह को एक रात्रि में देवी ने स्वप्र में आकर कहा कि मैं तुम पर प्रसन्न हूं तथा शीघ्र ही मेरी उत्पत्ति होगी। जहां मेरी मूर्ति मिले वहां से एक बैलगाड़ी मेरी मूर्ति विराजमान कर गाजे-बाजे के साथ रवाना होना तथा जहां जाकर बैलगाडी अपने आप रूक जाए वही मुझे स्थापित कर मंदिर बनाना व पूजा-अर्चना करना। इस स्वप्र आने के दृष्टांत के दूसरे दिन सुबह ही कस्बे के डाकीनाड़ा तालाब में एक कुम्हार मिट्टी की खुदाई कर रहा था। अचानक खुदाई के दौरान उसका फावड़ा किसी पत्थर से टकराने की आवाज आई साथ ही मां के चिल्लाने की आवाज भी आई। इस कुम्हार ने पाया कि एक मूर्ति से उसका फावड़ा टकराया है।

जिससे उस मूर्ति के गर्दन पर घाव होने से गर्दन झुक गई थी। इस कुम्हार ने इसी वक्त इसकी सूचना गांव के ठाकुर अनारसिंह को दी। ठाकुर अनारसिंह देवी के परम भक्त थे। सूचना मिलते ही वे ग्रामीणों के साथ खुदाई स्थल पर पहुंचे तथा बैलगाडी पर देवी की मूर्ति विराजित कर बैलगाडी को गाजे-बाजे के साथ रवाना किया। जहां बैलगाडी रूकी व बैल टस से मस नहीं होने लगे उस स्थान पर देवी की मूर्ति विराजित कर भव्य मंदिर का निर्माण करवाया तथा मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा करवाई। इस मंदिर की स्थापत्य कला आज भी अपने आप में नायाब है।

मां चामुंडा के आशीर्वाद से आहोर खूब रोशन हुआ। ग्रामीण माताजी के परचे से ही सैकडों वर्षों तक होली के दूसरे दिन पत्थर मार होली भाटागैर खेलते रहे। इन्ही परचों के कारण इस मंदिर में आने वाले प्रत्येक भक्त अपना शीश नवाकर खुशहाली की कामनाएं करता है,उसी परम्परा में आज भी आहोर ठिकाना‌ पूजा सेवा में लगे हुये जिसमें प्रत्येक दिवस ठाकुर सा महिपाल सिंह जी ,कुंवर सा विरम देव सिंह जी राजमाता जी महाराज श्री के साथ आरती पूजन करते हैं एवं सभी आहोर वासियों के लिये चामुंडा मा से प्रार्थना करते हैं कि मां आपकी कृपा सदैव बनी रहे ,

इसी के साथ अन्य 5 स्थानों पर जिसमें श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मठ मन्दिर गाजियाबाद उत्तर प्रदेश में दूधेश्वर मठ के गादीपति श्रीमहन्त नारायण गिरि जी महाराज के अध्यक्षता में एवं  दूधेश्वर मन्दिर विकास समिति के अध्यक्ष धर्मपाल गर्ग जी श्रीमति गिन्नी गर्ग जी उपाध्यक्ष अनुज गर्ग जी के संयोजन में आचार्य नित्यानंद जी के नेतृत्व में वैदिक ब्राह्मणों द्वारा शतचंडी पाठ पूजन चल रहा है साथ ही दूधेश्वर वेद विद्यालय में त्रिसंध्या महाकाली महालक्ष्मी महासरस्वती के समक्ष भी पंचम दिवस पूजन पाठ सम्पन्न हुआ , दूधेश्वर मठ की शाखा श्री बाला त्रिपुरा सुंदरी देवी मन्दिर दिल्ली गेट गाजियाबाद में महन्त गिरिशानन्द गिरि जी महाराज के आयोजन में नवरात्रि मेला एवं शतचंडी पाठ हवन यज्ञ आचार्य नीलमणि पाढी जी , आचार्य अनिल पाढी जी के नेतृत्व में आज पंचम दिवस पूजन पाठ सम्पन्न हुआ , मल्ली नाथ जी की तपोस्थली मालाणी की धरा मां राणी भटियाणी माता मन्दिर जसोल धाम में शतचंडी यज्ञ रावल किशन सिंह जी ,कुंवर हरिश्चन्द्र सिंह जी के आयोजन में दूधेश्वर वेद विद्यालय के आचार्य मुकेश शुक्ल जी के नेतृत्व में नौ कुण्डीय शतचण्डी पाठ हवन में आज पंचम स्वारूप मां स्कंदमाता का पूजन सम्पन्न हुआ ,साथ ही रूपांदे मन्दिर में पंडित नितेश त्रिपाठी द्वारा पाठ पूजन सम्पन्न हुआ ।


        हर हर महादेव
विश्व संवाद सम्पर्क सचिवअमित कुमार शर्माश्री दूधेश्वर नाथ महादेव मठ मन्दिरगाजियाबाद उत्तर प्रदेश

1 Comment

  • Nidhi
    April 7, 2022

    Best

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