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8 दिवसीय श्री गोरखनाथ मन्दिर में ब्रह्मलीन महन्त दिग्विजय नाथ जी ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ जी को श्रद्धांजलि एवं सन्तों का भण्डारा के साथ सम्पन्न हुआ

जय दूधेश्वर महादेव
   8 दिवसीय श्री गोरखनाथ मन्दिर में ब्रह्मलीन महन्त दिग्विजय नाथ जी ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ जी को श्रद्धांजलि एवं सन्तों का भण्डारा के साथ सम्पन्न हुआ।
आज गोरखनाथ मन्दिर गोरखपुर में महन्त दिग्विजय नाथ जी महाराज के 53 वी पुण्यतिथि एवं महन्त  के अवेद्यनाथ जी महाराज की 8 वी पुण्यतिथि अवसर पर 8 दिवसीय आयोजित कार्यक्रम में ब्रह्मलीन महन्त दिग्विजय नाथ जी महाराज , एवं ब्रह्मलीन महन्त वैद्यनाथ जी महाराज की आठवीं पुण्यतिथि के अवसर श्रद्धांजलि मैं उत्तर प्रदेश के यशस्वी लोकप्रिय गोरखनाथ मन्दिर के वर्तमान महन्त योगी आदित्यनाथ जी उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार आज का कार्यक्रम संपन्न हुआ श्री महंत ब्रह्मलीन श्री महंत अवेद्यनाथ जी महाराज, की आठवीं पुण्य तिथि के अवसर पर आयोजित संत महासभा में आज के अध्यक्षता परम पूज्य पूजनीय परम आदरणीय वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज ने की महाराज ने किया ,

आज के सभा के में श्रीमहन्त नारायण गिरि जी महाराज श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर गाजियाबाद अन्तर्राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा, विशिष्ट अतिथि रामानुजाचार्य स्वामी विश्वेश प्रपन्नाचार्य जी महाराज सुग्रीव किला अयोध्या, श्री शेरनाथ जी महाराज जूनागढ़ ,श्री चांदनाथ जी महाराज, स्वामी विद्याचैतन्य जी महाराज नैमिषारण्य,सहित जगतगुरु शंकराचार्य, रामानुजाचार्य,महामण्डलेश्वर मण्डलेश्वर महन्त अभ्यागत एवं समाज सेवी विद्यालय के छात्र छात्राओं की उपस्थिति में भव्य कार्यक्रम मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में 11 बजे से 1 बजे तक कार्यक्रम चला श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित सन्तों ने श्रद्धांजलि अर्पित किया एवं शिक्षा के प्रति सदैव जागरूक करने वाले दोनों दिव्य सन्तों से प्रेरित हुये ,

दिग्विजय नाथ जी  का जन्म स्वरूप ‘नन्हू’ सिंह का जन्म 1894 में राजस्थान के (उदयपुर) के कंकरवा ठिकाना (मेवाड़) में एक वीरमदेव राणावत राजपूत परिवार में हुआ था। उनकी माँ (कुंदोज, अजमेर की एक राठौर) की मृत्यु 8 वर्ष की आयु में हो गई थी। उनके पिता मेवाड़ प्रेसीडेंसी काउंसिल (महेंद्रराज सभा) के अध्यक्ष कंकरवा के रावत ठाकुर उदय सिंहजी थे। उन्हें फूल नाथ नामक नाथपंथ योगी को दे दिया गया या ले जाया गया , जो उन्हें गोरखपुर में गोरखनाथ मठ (मठ) ले गए। नन्हू सिंह एक मठ में पले-बढ़े और गोरखपुर के सेंट एंड्रयूज कॉलेज में पढ़ने चले गए। वह एक औसत छात्र था, लेकिन खेल, विशेष रूप से हॉकी, घुड़सवारी और टेनिस में उत्कृष्ट था। 1920 में, उन्होंने राजनीति में भाग लेने के लिए अपनी शिक्षा छोड़ दी1932 में, बाबा ब्रह्मा नाथ गोरखनाथ मठ के महंत बने और नन्हू सिंह को नाथ पंथ परंपरा में दीक्षित किया। 1935 में उनकी मृत्यु के बाद, मठ का नेतृत्व दिग्विजय नाथ के पास गया।ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ ने वाराणसी व हरिद्वार में संस्कृत का अध्ययन किया था। वह संस्कृत से शास्त्री थे। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद से जुड़ी शैक्षणिक संस्थाओं के अध्यक्ष के अलावा वे मासिक पत्रिका योगवाणी के संपादक रहे। योग व दर्शन पर लगातार लिखा। गोरक्षपीठ से जुड़ी चिकित्सा, शिक्षा और सामाजिक क्षेत्रों में काम कर रही करीब तीन दर्जन संस्थाओं के अध्यक्ष एवं प्रबंधक थे। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद से जुड़ी शैक्षणिक संस्थाओं के अध्यक्ष के अलावा वे मासिक पत्रिका योगवाणी के संपादक रहे। योग व दर्शन पर आजन्म लिखते रहे |महंत अवेद्यनाथ ने गोरखपुर के वर्तमान सांसद योगी आदित्यनाथ को गोरक्षपीठ का न सिर्फ उत्तराधिकारी बनाया बल्कि उन्होंने योगी आदित्यनाथ को 1998 में सबसे कम उम्र का सांसद बनने का गौरव प्रदान किया। बाद में योगी आदित्यनाथ ने हिन्दू युवा वाहिनी का गठन किया जो हिन्दू युवाओं को धार्मिक बनाने के लिए प्रेरणा देती है।महाराजगंज के चौक बाज़ार स्थित गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ महाविद्यालय इन्ही के नाम पर रखा गया हैं।     

https://youtu.be/7QvTK_U9ukM
https://youtu.be/y8qqlkqISVk

हर हर महादेव
विश्व संवाद सम्पर्क सचिवअमित कुमार शर्माश्री दूधेश्वर नाथ महादेव मठ मन्दिर गाजियाबाद उत्तर प्रदेश

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