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श्री दूधेश्वर नाथ श्रृंगार दर्शन

द्वादश ज्योतिर्लिंगों के अतिरिक्त अनेक ऐसे हिरण्यगर्भ शिवलिंग हैं, जिनका बड़ा अदभुत महातम्य है। इनमें से अनेक बड़े चमत्कारी और मनोकामना को पूर्ण करने वाले हैं तथा सिद्धपीठों में स्थापित हैं। ऐसे ही सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मठ मंदिर के अतिपावन प्रांगण में स्थापित हैं। स्वयंभू हिरण्यगर्भ दूधेश्वर शिवलिंग।

यूँ तो मंदिर प्रांगण हमेशा दर्शनार्थियों से भरा रहता है। आस पास के लोग तथा जिनके कानो में इनके महिमा का वर्णन सुनाई देता है। वो उनके दर्शन के लिए खींचा चला आता है।

भगवान श्री दूधेश्वरनाथ का भव्य श्रृंगार

भगवान श्री दूधेश्वरनाथ का भव्य श्रृंगार भक्तों के लिए आज मुख्य आकर्षण का केंद्र बन गया है। प्रत्येक सोमवार को श्री महंत नारायण गिरी जी के संरक्षण में बनी श्रृंगार सेवा समिति के समर्पित स्वयं सेवकों द्वारा श्रावण कृष्ण प्रतिपदा अनुसार सोमवार से निरंतर आज तक प्रातः साय से पूर्व भगवान दूधेश्वर का भव्य श्रृंगार किया जाता है।

श्री विजय मित्तल जी:-

श्री विजय मित्तल जी जो की श्री दूधेश्वर श्रृंगार सेवा समिति के अध्यक्ष है। उनकी देखरेख में इसे सम्पन्न किया जाता है। श्रृंगार में छप्पन भोग 108 भोग विभिन्न प्रकार के पकवान मिष्ठान ऋतु फल फूल तथा अन्य सामग्री का उपयोग किया जाता है।

अलग छवि:-

भगवान दूधेश्वर का श्रृंगार इतना भव्य होता है कि उसकी अलग छवि को मात्र दर्शन करने के लिए दूर-दूर से भक्त बनाते हैं और श्रृंगार दर्शन करने धन्य हो जाते है। उपलब्ध सामग्रियों से भगवान को अलग-अलग रूप प्रदान करते हैं.

कभी भस्म श्रृंगार, कभी भांग श्रृंगार, कभी दही श्रृंगार, बर्फ का श्रृंगार, पुष्प श्रृंगार, फल श्रृंगार , अनाज श्रृंगार, सब्जी श्रृंगार, मेवा श्रृंगार आदि से भगवान को विभिन्न रूप में प्रदर्शित किया जाता है महा मृत्युंजय , महाकाल नीलकंठ, अर्धनारीश्वर पंचमुखी हनुमान, कृष्ण महाकाली महासरस्वती महालक्ष्मी आदि।

प्रत्येक सोमवार के अतिरिक्त विभिन्न पर्वों पर तथा फागुन व श्रावण शिवरात्रि पर दो श्रृंगार की बात ही निराली होती है। फाल्गुन शिवरात्रि के पावन अवसर पर संपूर्ण मंदिर प्रांगण को विभिन्न प्रकार से भव्यता दी जाती है जो वास्तव में दर्शनीय होती है इस देश के ही नहीं वरन विदेश के भी अनेक भक्तगण ने सराहा है।

श्रृंगार सेवा अपितु संपर्क :-

हुत ही भक्तगण अपनी तरफ से श्री दूधेश्वर नाथ महादेव के श्रृंगार सेवा देना चाहते हैं। और प्राय इसके लिए लोग नामांकन करने आते हैं। यह बहुत ही सौभाग्य की बात होती है। कि आपके द्वारा श्री दूधेश्वर नाथ भगवान को श्रृंगार सेवा दी जाये वो भी मुख्य आयोजन पर जन्म दिवस या वर्षगांठ पर। लोगों में जिज्ञासा होती है कि वो इस शुभ दिन अपने हाथों से यह सेवा दे इस सेवा के लिए कुछ खर्च आते हैं। वह आपको देना होता है। अगर आप श्रृंगार सेवा करना चाहते हैं देना चाहते हैं अपने शुभ हाथों से तो उसके लिए आप श्री विजय मित्तल जी से संपर्क कर सकते हैं।

शिवरात्रि में श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर की भव्यता:-

महाशिवरात्रि के पावन पर्व को हर्षोउल्लास से मनाने के लिए सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर पूर्ण रुप से सज कर तैयार हो जाता है। शिवरात्रि पर मंदिर में लगभग पांच लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान रहता है। यह जानकारी ऐतिहासिक पीठ दूधेश्वरनाथ मंदिर के महंत नारायण गिरी द्वारा दी जाती है। श्री महंत नारायण गिरी जी महाशिवरात्रि पर मंदिन में उमड़ने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ को ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रशासन व जिला प्रशासन को जानकरी देते है जिससे उनके द्वारा व्यवस्थाएं की जाती हैं।

नगर निगम की ओर से भक्तों द्वारा अभिषेक कराने के लिए मंदिर में गंगाजल की व्यवस्था की जाती है। सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस पीएसी, रैपिड एक्शन फोर्स नागरिक सुरक्षा के वार्डन पूरे मेला परिसर में लगे रहते है। लगभग 16 सीसीटीवी कैमरे के द्वारा सम्पूर्ण मंदिर परिसर एवं मेला क्षेत्र के चप्पे-चप्पे की निगरानी की जाती है । मन्दिर विकास समिति के अध्यक्ष व प्रसिद्ध समाजसेवी धर्म पाल गर्ग जी भी अपना पूर्ण योग्यदान देते है। इस तरीके से ये प्रसिद्द महाशिवरात्रि व्यवस्ता पूर्ण सफल होता है।

भव्य सजावट:-

महाराज श्री के द्वारा वर्णन:-

दर्शन करने से पूर्व कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ जरुरी है उसे जान ले।:-

प्रचलित नाम:

सिद्धपीठ श्री दूधेश्वरनाथ महादेव मठ मंदिर

दर्शन समय:-

4:00 AM – 12:00 PM, 5:00 PM – 9.00 PM

प्रसिद्द त्यौहार:-

शिवरात्रि, सावन सोमवार, कँवर यात्रा, नवरात्री, जन्माष्टमी, राम नवमी, हनुमान जयंती, गुरु पूर्णिमा, श्री गणेश उत्सव

मंत्र:-

ॐ हिरण्यगर्भाय विदमहे दूग्धेश्वराये धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।

बुनियादी सेवाएं:-

प्रसाद, वाटर कूलर, आरओ, पावर बैकअप, कार्यालय, सीसीटीवी सुरक्षा, जूता स्टोर, वॉशरूम, सोलर लाइट, बैठने की बेंच

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