जय दूधेश्वर महादेव
समस्त सनातन हिन्दू धर्म का पालन करने वाले समस्त देश वासिय़ो से आव्हान है कि काशी मे स्थित ज्ञानवापी की समस्यो का जबतक समाधान नही होता ,हिन्दुओ को एकता दिखानी है कि हम सभी एक है सभी मन्दिरो मे अखण्ड पाठ चाहे हनुमान चालीसा, सुन्दरकाण्ड ,रूद्राभिषेक,गीता ,दुर्गा सप्तशती, हम सभी को मिलके करना है ,सभी जगद् गुरू शंकराचार्य ,महामण्डलेश्वर ,श्रीमहन्त ,महन्त ,गादीपति ,समस्त अखाडो के सन्तो से सभी ब्रह्मण़ो से निवेदन है कि जबतक ज्ञानवापी की समस्या का निर्णय नही आजाता है तब तक अखण्ड पाठ होना चाहिए ,आज मे सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मठ मन्दिर रूद्राभिषेक प्रारम्भ कर दिया है मैने,जिसमे जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी श्री अवधेशानंद गिरि जी महाराज, जगद् गुरू शंकराचार्य श्री नरेन्द्रानन्द सरस्वती जी महाराज,जूना अखाड़ा अन्तर्राष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहन्त हरि गिरि जी महाराज महामंत्री अखाडा परिषद् ,जूना अखाड़ा के अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहन्त प्रेम गिरि जी महाराज,जूना अखाड़ा के अन्तराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहन्त नारायण गिरि जी महाराज ने आज से अखण्ड रूद्राभिषेक प्रारम्भ करके समस्त हिन्दुओ को आव्हान किया है
कि ज्ञानवापी का निर्णय आने तक अखण्ड पूजा पाठ करे ,देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ,उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री महन्त योगी आदित्यनाथ जी महाराज के प्रयासो से इतने वर्षो के उपरांत हमे काशी विश्वनाथ बाबा मिल.गये है ,अब हम सभी हिन्दुओं का संगठित होकर पूजा उपासना करेंगे तो निश्चित ही समस्याओं का समाधान हो जायेगा ,हिन्दुओं के मानविन्दुओ से जुडे राम मन्दिर जो हमे मिल चुका है ,श्रीकृष्ण जन्म भूमी ,ज्ञानवापी काशी विश्वानाथ जी हमे मिलाना चाहिए ,जो हिन्दुओ की भावना से जुडे हुये है ,जैसे सिख समुदाय के लोगो के लिये गुरूद्वारा ,मुस्लिमों के लिये मक्का मदीना ,किस्चनो के लिये चर्च वैसे ही हिन्दुओं के लिये मन्दिर ,और नमाज कही पर भी अदा की जाती है परन्तु मन्दिर मे भगवान की प्राण प्रतिष्ठा जब हो जाती है तो उसको नही हाटाया जाता है ,महाराज श्री ने बताया कि अरब देशो मे भी अगर रोड के बीच मे मस्जिद आती है उसको हटा देते है
,चंगेजखान मंगोलिया से आया था और उनके वंशज मोहम्मद गौरी अकबर ,बाबर सभी अफगानी देशो से आकर अक्रमण कारी थे ,उनकी को भारत की प्रति को आस्था नही थी ,हिन्दू मुसलमानों की कोई बात नही थी ,उनको बस हिन्दुओं के मानविन्दुओ को मंदिर गुरूद्वारों को खंडित करना था ,उन्हे किसी धर्म से कोई मतलब नही था ,उन्हे भारत को नुकसान करना था ,क्योंकि मोहन भागवत जी भी बोल चुके है कि भारत के हिन्दू मुस्लिम का एक ही डी एन ए है ,तो इसमे भारत के मुस्लिमो को कोई समस्या नही होनी चाहिये कुछ मुस्लिम जो राजनीति के लिये कुछ भी बोल रहे जो व्यर्थ है ,हमे सभी को संगठित होकर सभी को आराधना करनी है क्योंकि देव शक्तियों से हम अवश्य अपने मानविन्दुओ को पायेंगे,पुराणो.मे भी वर्णन है कि महादेव जी ने – से कहा देवि ! सुनो , एक बार रावण आदि राक्षसों के भार से व्यथित हो पृथ्वी गौ का रुप धारण कर देवताओं और मुनियों जनों सहित श्री ब्रह्मा जी के लोक में गयी। वहाँ पहुँच कर उसने रोते हुए, अपने ऊपर पर पड़ा हुआ सारा दुःख ब्रह्माजी से कहा तब ब्रह्मा जी ने अपने मन में उनकी दुःख निवृत्ति का समाधान जान लिया। तत्पश्चात् वहाँ से समस्त देवताओं सहित पृथ्वी को साथ लेकर अत्यंत निर्मल आनन्दाश्रुओं से परि पूरित हो अखिल लोकान्तर्यामी, अजय, सर्वज्ञ , भगवान् हरि की अति निर्मल भक्तियुक्त गद्गगद-वाणीसे श्रुतिसिद्ध विमल पदों और पुराणोक्त स्तोत्रों में दर्शायी गयी स्तुति की। तब सहस्त्रों देदीप्यमान सूर्यो के समान प्रभावशाली भगवानश्री हरि प्रकट हुए। आज भी हम सब सनातनी यों के समक्ष आततायियों और अधर्मियों द्वारा व्यथित किए जाने वाले अधर्म का चहुंमुखी बोलबाला है। ऐसे समय में हम सब सनातननियोंं का यह धर्म है कि हम अपने आराध्य परम पिता परमात्मा की शरणागत हों ।उन्हें प्रसन्न करें। एसे घोर व्यथित समय में अपने आराध्य की अखंड स्तुति देवालय में अभिलम्व प्रारंभ कर दें।। परमात्मने नमः
हर हर महादेव
विश्व संवाद सम्पर्क सचिवअमित कुमार शर्मा श्री दूधेश्वर नाथ मन्दिरगाजियाबाद उत्तर भारत