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पूर्व आईपीएस डी जी बणजारा व सनातन धर्म भूषण राजराजेश्वर गुरूजी लंदन ने भगवान दूधेश्वर की पूजा-अर्चना की

श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज से मुलाकात कर उन्हें गुरू वंदना मंच का दिल्ली-एनसीआर अध्यक्ष बनाया
महाराजश्री ने कहा, हिंदु एकजुट होंगे तो कोई भी उन पर अत्याचार नहीं कर पाएगा
हिंदुओं को एकजुट करने के लिए श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज दिल्ली-एनसीआर में अभियान चलाएंगे
गाजियाबादः
गुरू वंदना मंच के संस्थापक पूर्व आईपीएस डी जी बणजारा व राष्ट्रीय संयोजक सनातन धर्म भूषण राजराजेश्वर गुरूजी लंदन सोमवार को सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर पहुंचे। उन्होंने भगवान दूधेश्वर का पूजन-अभिषेक किया। सभी देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना कर गुरू मूर्तियों को मत्था टेका और श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज से मुलाकात कर उनका आर्शावाद लिया। दोनों ने दूधेश्वर वेद विद्या पीठ संस्थानम का अवलोकन व निरीक्षण भी किया। उन्होंने महाराजश्री को गुरू वंदना मंच का दिल्ली-एनसीआर का अध्यक्ष भी बनाया। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज व गुरू वंदना मंच के संस्थापक पूर्व आईपीएस डी जी बणजारा व राष्ट्रीय संयोजक सनातन धर्म भूषण राजराजेश्वर गुरूजी लंदन के बीच धर्म चर्चा हुई जिसमें बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर चिंता व्यक्त की गई। महाराजश्री ने कहा कि हिंदुओं की दुर्दशा का सबसे बडा कारण उनका जातियों व उप जातियों में बंटा रहना है। हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए हिंदुओं को एकजुट करना आवश्यक है।

हिंदुओं को एकजुट करने में गुरू वंदना मंच अहम भूमिका निभा रहा है और भारत ही नहीं पूरे विश्व में धर्म व आध्यात्म के माध्यम सेें हिंदुओं को एकजुट कर रहा है। उन्हें गुरू वंदना मंच का दिल्ली-एनसीआर का अध्यक्ष बनाया गया है और जल्द ही दिल्ली-एनसीआर में हिंदु, सिख, जैन, बौद्ध सभी को एकजुट करने का अभियान चलाएंगे।
गुरू वंदना मंच के संस्थापक पूर्व आईपीएस डी जी बणजारा ने कहा कि श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज जैसे संत का संस्था से जुडना बहुत ही सौभाग्य की बात है। उनके दिल्ली-एनसीआर का अध्यक्ष बनने से हिंदुओं को एकजुट करने का संस्था का अभियान और अधिक तेजी पवकेगा जिससे हिंदू एकजुट होगा। राष्ट्रीय संयोजक सनातन धर्म भूषण राजराजेश्वर गुरूजी लंदन ने कहा कि भारत के हजारों मत, पंथ, सम्प्रदाय,व उप संप्रदाय की सारी धाराएं सात धाराओं में समा जाती हैं। इन सात धाराओं के आदि स्रोत शिव, शक्ति, राम, कृष्ण, भगवान बुद्ध भगवान महावीर व गुरू गोविंद सिंह हैं। से सप्त धाराएं भी एक ईश्वर में समा जाती हैं। भारत को पुन विश्व गुरू बनाने के लिए सप्तेश्वर संतों को वसुधैव कुटुम्बकम के नारे के साथ शक्ति, भक्ति व मुक्ति के मार्ग पर अग्रसर होना होगा और इस कार्य में श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज जैसे संत अहम भूमिका निभा सकते हैं।

1 Comment

  • Sandeep Suryawanshi
    December 10, 2024

    Dudheswar nath ki jai
    Om namoh narayana Swami ji

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