भागवत कथा का श्रवण करने से सभी दुख व कष्ट दूर हो जाते हैं श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज
गाजियाबादः
राजनगर एक्सटेंशन स्थित एसजी इम्प्रेशंस में श्री शिवधाम मंदिर समिति द्वारा श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा व्यास भागवताचार्य राहुल कृष्ण कथा रूपी अमृत की वर्षा कर रहे हैं। भागवत कथा का श्रवण करने के लिए बडी संख्या में भक्त आ रहे हैं। भागवत कथा के छठे दिन श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज मुख्य अतिथि के रूप में पधारे। महाराजश्री का श्री शिव धाम मंदिर समिति तथा भागवताचार्य राहुल कृष्ण ने स्वागत अभिनंदन किया। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि भागवत कथा का प्रत्येक सनातनी हिंदू के जीवन में बहुत महत्व है। यह महज भगवान की कथा ही नहीं है, बज्कि हमारा सही मागदर्शन करने वाली भी है। जितने भी कष्ट व दुख है, उन सभी का निवारण भागवत कथा का श्रवण करने से हो जाता है।
भागवत कथा सुननेसे हमारे जिन पूर्वजों की मुक्ति नहीं हुई, उनकी मुक्ति भी हो जाती है। भागवत कथा हमें सभी दुखों व कष्टों से छुटकारा दिलाने के साथ मोक्ष भी प्रदान करती है। मानव जीवन प्रभु भक्ति के लिए मिला है, अतः हमें प्रभु भक्ति करते हुए अपने जीवन को सार्थक बनाना चाहिए। राजा परीक्षित ने सात दिन भागवत कथा का श्रवण किया और उनकी मुक्ति हो गई। हमारा जीवन सात दिन का है। आठवां दिन मिलने वाला नहीं हैं। अतः निरंतर प्रभु भक्ति करते हुए अपने जीवन को सार्थक बनाएं। महाराजश्री ने कहा कि बच्चे की पहली व सबसे बडी गुरू मां ही होती है। अतः मां अपने बच्चों के अंदर अच्छे संस्कार डालें तभी वे मां-बाप की सेवा करेंगे। मां-बाप जो शिक्षा देंगे, उसी पर बच्चे चलेंगे। उन्होंने कहा कि 11 वर्ष तक बच्चे को मारना या डाटना नहीं चाहिए क्योंकि उस समय बच्चा विकास कर रहा होता है। 11 वर्ष से 18 वर्ष तक बच्चे को अनुशासन में रखना चाहिए ताकि वह गलत मार्ग पर ना जा सके। हरनंदेश्वर मंदिर हिंडन की महंत साध्वी कैलाश गिरि महाराज ने कहा कि श्रीमद भागवत कथा साक्षात भगवान कृष्ण का ही रूप है। इसी कारण इसका श्रवण करने से सभी कष्ट व दुख दूर हो जाते हैं।