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मेरठ आईजी ने किया किया दुधेश्वर नाथ मंदिर में जलाभिषेक

गाजियाबाद सुप्रसिद्ध भगवान दूधेश्वर नाथ मंदिर में कल आधी रात से ही भक्तों की लंबी कतार लगनी शुरू हो गई और 12:00 बजे से ही जलाभिषेक शुरू हो गया। मंदिर में गंगोत्री और हरिद्वार से जल लाने वाले कांवड़िया व अन्य शिव भक्त अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।भीड़ इतनी अधिक है कि शिव भक्त व कावड़ियों की सुबह के वक्त तक करीब 1 किलोमीटर लंबी कतार लग गई। इस बार हर साल के मुकाबले अधिक भीड़ है।वहीं भीड़ को देखते हुए प्रशासन की तरफ से पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रातः काल मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि जी महाराज ने आरती कर जलाभिषेक किया गया ।

इसके अलावा मंदिर विकास समिति, श्रूंगार सेवा समिति एवं सिविल डिफेंस के कार्यकर्ता भी व्यवस्था बनाने में लगे हुए हैं।मंदिर परिसर और आसपास 42 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। जिनके माध्यम से मंदिर परिसर और आसपास हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।सावन के महीने में हिंदू धर्म में भगवान भोलेनाथ की आराधना करना बेहद शुभ माना जाता है। सावन के महीने में ज्यादातर लोग भगवान भोलेनाथ की आराधना करते हैं।

इसलिए शिवालयों में अधिक भीड़ रहती है और ग़ाज़ियाबाद स्थित भगवान दूधेश्वर नाथ मंदिर की बात की जाए तो सावन में यहां का नजारा बिल्कुल अलग होता है।क्योंकि यहां की मान्यता को देखते हुए दूर दराज से बड़ी संख्या में शिव भक्त यहां पहुँचते हैं।बताया जाता है। कि इस मंदिर की स्थापना रावण के पिता विश्वेश्वर ने की थी यहां रावण के पिता के अलावा रावण ने भी भोलेनाथ की आराधना की थी।।

बताया यह भी जाता है कि रावण ने अपना पहला सर यहीं भोलेनाथ को अर्पित किया था। माना जाता है इस मंदिर में जो भी शिव भक्त भगवान भोलेनाथ पर जलाभिषेक करते हुए भोलेनाथ की आराधना करते हैं।भगवान उन सभी भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।इसलिए प्राचीन समय से ही इस मंदिर की बड़ी मान्यता है।अनुज धर्म गर्ग ने बताया कि खासतौर से सावन के महीने में बड़ी संख्या में शिवभक्त गंगोत्री और हरिद्वार से जल या कावड़ लाकर मंदिर में पहुंचकर भगवान भोलेनाथ पर जलाभिषेक कर भोलेनाथ को आराधना करते हैं।

आज शिवरात्रि है इसलिए यहां गंगोत्री व हरिद्वार से जल या कावड़ लाने वाले कावड़ियों के अलावा बड़ी संख्या में आ शिवभक्त भी मंदिर पहुंचकर जलाभिषेक कर रहे हैं।मंदिर के महंत नारायण गिरी जी महाराज ने बताया कि 2 साल के अंतराल के बाद लोगों को शिवरात्रि पर मंदिर में जलाभिषेक करने का अवसर मिला है। इसलिए बड़ी संख्या में इस बार भीड़ मंदिर में पहुंच रही है। लाखों शिव भक्त देर रात से ही मंदिर में जलाभिषेक कर चुके हैं।

उन्होंने बताया कि भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के बीच चाक-चौबंद इंतजाम किए गए हैं। वहीं दूसरी तरफ कांवड़ियों के लिए भी विशेष इंतजाम किया गया है।महंत ने बताया कि भीड़ देखते हुए पहली बार कावड़ियों को निर्देशित किया गया है कि सभी कांवड़िया अपनी कावड़ मंदिर परिसर से बाहर ही छोड़कर केवल जल लेकर ही मंदिर परिसर में पहुंचे। ताकि अन्य शिवभक्तों को कोई परेशानी ना हो।इस मौके पर मेरठ आईजी प्रवीण कुमार, गाजियाबाद एसएसपी मुनिराज, एसपी सिटी निपुण अग्रवाल,सीओ स्वतंत्र देव सिंह ने भी मंदिर का निरीक्षण कर जायजा लिया एवं श्रीमहंत जी द्वारा पूजा अर्चना कराई गई। एवं सैकड़ों भक्तों एवं कावड़ियों ने लगातार जलाभिषेक किया गया सिंगर सेवा समिति  के अध्यक्ष विजय मित्तल ने भव्य श्रृंगार एवं 108 प्रकार के भोग लगाया गया कार्यक्रम के मुख्य आयोजक मंदिर विकास समिति का अध्यक्ष धर्मपाल गर्ग का विशेष योगदान रहा इस मौके पर सैकड़ों से डाक कांवरियों भक्तों दर्शन किया गया।

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