श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज का आशीर्वचनः भगवान राम की पूजा-अर्चना करने से सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है
जसोल बालोतरा, राजस्थानः
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को रामनवमी का पर्व श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान, जसोलधाम में घूमधाम से मनाया गया। भगवान राम की विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर उनसे अपने सभी भक्तों पर अपनी कृपा सदैव बनाए रखने की प्रार्थना की गई। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष व श्री दूधेश्वर महादेव मंदिर, गाजियाबाद के पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज के सानिध्य में धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए गए।
भगवान राम का विशेष पूजन संस्थान अध्यक्ष रावल किशन सिंह जसोल व संयोजक कुंवर हरिशचंद्र सिंह द्वारा किया गया। वैदिक मंत्रोच्चार एवं पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ भगवान राम की पूजा-अर्चना कर भगवान से भक्तों की सम्पूर्ण मनोकामना की पूर्ति की कामना की गई। भगवान राम की पूजा का संचालन श्री दूधेश्वर वेद विद्या पीठ, गाजियाबाद के विद्वान आचार्यों एवं पंडितों द्वारा किया गया। विधायक अरूण चौधरी भी मौजूद रहे।







धर्म, न्याय व सत्य की रक्षा के लिए भगवान राम ने अवतार लिया
इस अवसर पर श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने भक्तों को रामनवमी पर्व की बधाई व शुभकाकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि अच्छाई, धर्म, न्याय, सत्य व अपने भक्तों की रक्षा के लिए भगवान राम ने आज के दिन ही पृथ्वी पर अवतार लिया। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अवतार लेने के कारण ही आज का दिन रामनवमी के रूप में मनाया जाता है। रामनवमी का पर्व हिंदू सनातन धर्म के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण ही नहीं बहुत गौरव का दिन भी है।
राम नाम की महिमा अपरम्पार है
भक्तों को आशीर्वचन देते हुए महाराजश्री ने कहा कि त्रिलोकपति भगवान राम सर्वत्र व्याप्त हैं। हर धडकन और कण-कण में भगवान राम ही बसे हैं। भगवान राम तसे भी अधिक बडा उनका नाम है। राम नाम की महिमा तो अपरम्पार है। भगवान गणेश, ब्रहमा, सरस्वती, हनुमान जी से लेकर भगवान शिव तक सभी राम नाम का ही गुगणान करते हैं। मनुष्य के जन्म से लेकर मृत्यु तक व मृत्यु के बाद भी राम नाम ही साथ रहता है। भगवान राम के नाम से तो पत्थर भी तर जाते हैं।