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दूधेश्वर नाथ मंदिर में सावन शिवरात्रि 26-27 जुलाई आठ प्रहर की विशेष पूजा -मंगला गौरी व्रत का शुभ संयोग

सावन शिवरात्रि सावन महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, सावन की शिवरात्रि का बड़ा ही विशेष महत्व है क्योंकि इसमें व्रत (Fast) रखने वालों के सारे कष्ट भोलेनाथ (Bholenath) दूर कर देते हैं।

एक मान्यता ये भी है कि सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा करने से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं और मनुष्य को मन चाहे सुख की प्राप्ति होती है। इस व्रत को करने से दांपत्य जीवन में प्रेम और सुख शांति बनी रहती है। आइए आपको बताते हैं सावन शिवरात्रि के पूजा मुहूर्त, पूजा विधि और विशेष महत्व के बारे में।

दूधेश्वर नाथ मंदिर में सावन शिवरात्रि (Sawan Shivratri):-

श्री दूधेश्वर नाथ मन्दिर के पीठाधीश्वर , अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के श्रीमहन्त नारायण गिरि जी ने बताया कि श्रावण शिवरात्रि का मुख्य मेला 26 जुलाई से 27 जुलाई तक रहेगा। शिवरात्रि का व्रत बुधवार 27 जुलाई को होगा तथा इसी दिन लाखों की संख्या में शिवभक्त कांवड़िये हरिद्वार, गंगोत्री, गामुख से गंगाजल लाकर भगवान दूधेश्वर का अभिषेक करेंगे। 26 जुलाई को ही भगवान दूधेश्वर की आठ प्रहर की विशेष पूजा भी आरम्भ होगी ।

मन्दिर विकास समिति के अध्यक्ष श्री धर्मपाल गर्ग जी ने बताया कि मन्दिर अपने नये स्वरूप में शिवभक्तों का स्वागत करने के लिये पूर्ण रूप से तैयार है। जिला प्रशासन के सभी विभाग पूरी तरह से अपने अपने कार्यों को पूर्ण करने में लगे हुये हैं। अनुज धर्म गर्ग ने बताया कि इस बार अधिक संख्या में श्रद्धालु एवं कावड़ियों के सुरक्षा में सम्पूर्ण मन्दिर परिसर व मेला क्षेत्र सी०सी०टी०वी० से कवर रहेगा

शिवरात्रि का महत्व-

सावन महीने में आने वाली शिवरात्रि को श्रावणी शिवरात्रि भी कहा जाता हैं। इस दिन सभी शिव मंदिरों में पूजा-अर्चना की जाती है। शिव भक्त इस बार शिवरत्रि के दिन अपने-अपने घरों में ही गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक कर शिव का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

सावन शिवरात्रि के चार प्रहर की पूजा के शुभ मुहूर्त

शिवरात्रि के प्रथम प्रहर की पूजा का समय – 26 जुलाई 2022 को सायंकाल 07:16 से लेकर रात्रि 09:52 बजे तक.

शिवरात्रि के द्वितीय प्रहर की पूजा का समय – 26 जुलाई 2022 को रात्रि 09:52 से लेकर 27 जुलाई 2022 को पूर्वाह्न 12:28 बजे तक

शिवरात्रि के तृतीय प्रहर की पूजा का समय – 27 जुलाई 2022 को पूर्वाह्न 12:28 से लेकर 03:04 बजे तक

शिवरात्रि के चतुर्थ प्रहर की पूजा का समय – 27 जुलाई 2022 को पूर्वाह्न 03:04 से लेकर प्रात:काल 05:40 बजे तक

पूजा विधि-

इस दिन मंदिर या घर पर शिव जी की विशेष पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इस दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने की भी परंपरा है। पूजा के समय भगवान शिव को जल, दूध, दही, शहद, घी, चीनी, इत्र, चंदन, केसर, भांग, धतूरा, गंगाजल, भांग, सफेद फूल, सफेद चंदन, धूप आदि चीजें अर्पित करें।

सावन शिवरात्रि पर बना मंगला गौरी व्रत का शुभ संयोग

भगवान शिव की साधना के लिए सबसे उत्तम मानी जाने वाली जिस रात्रि यानि शिवरात्रि की पूजा से महादेव की कृपा बरसती है, उसी दिन माता पार्वती की कृपा बरसाने वाला पावन मंगला गौरी व्रत भी पड़ रहा है. ऐसे में आज महादेव संग माता पार्वती की पूजा भी करें. मान्यता है कि श्रावण मास में शिव संग पार्वती माता की पूजा से व्यक्ति को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

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