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श्रीमहंत नारायणगिरि महाराज ने कि उज्जैन श्री मौनतीर्थ पीठाधीश्वर से मुलाकात

आज महाकाल की नगरी उज्जैन मध्यप्रदेश में परम पूजनीय ब्रह्मलीन समाधि स्थल श्री मोनी बाबा जी एव मौनतीर्थ के डॉक्टर संत श्री सुमन भाई  जी एवं उनकी धर्मपत्नी अर्चना  जी और आश्रम के समस्त आश्रम पदाधिकारियों ने श्री महंत रवींद्र पुरी जी महाराज अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद सचिव निरंजनी अखाड़ा एवं श्रीमहंत नारायण गिरी जी महाराज राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा का भव्य स्वागत किया और जिसमें बहुत ही दिव्य रमणीक आश्रम लगा  जो है उज्जैन नगरी मे बहुत ही दिव्य एवं भव्य आश्रम लगा महाराज श्री कल जो है.

उज्जैन नगरी के शिप्रा तट पर गंगा घाट दशाश्वमेध घाट पर जो है मोनी बाबा का रमणीक आश्रम अध्यात्मिक चेतना लिए हुए और शक्ति से परिपूर्ण उर्जा से भरा हुआ आश्रम में उन्होंने संत डॉक्टर सुमन शर्मा  और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती जी श्री अर्चना जी ने बहुत भव्य स्वागत और सत्कार किया महाराज श्री के साथ में श्री जो उज्जैनअखाड़ा परिषद के प्रवक्ता पत्रकार गोविंद सोलंकी जी और उनके साथ में वरिष्ठ पत्रकार बुद्धिजीवी राहुल कटिहार जी ने भी  रमणीक आश्रम के दर्शन किया गया साथ भारत के लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने भारत के अंदर में  जितने भी प्रसिद्ध एवं प्राचीन जैसे मान लीजिए कि हमारा 500 वर्षों के बाद राम जन्म भूमि का भव्य मंदिर बन रहा है नरेंद्र मोदी के प्रयास से उसके बाद में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का भी कार्य पुर्ण किया जिसमें बाद उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार ने भी उज्जैन महाकाल का महाकाल जीणोद्धार में जाने का शौभाग्य मिला जिसके बाद मौनी बाबा पीठाधीश्वर संत श्री सुमन शर्मा और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती अर्चना शर्मा जी श्री के आग्रह पर उनके निवास स्थान पर जाकर दोपहर का प्रसाद भोजन ग्रहण किया एवं उनका विशेष प्यार स्नेह प्राप्त हुआ मौनी बाबा का नाम बहुत सुना लेकिन वो अर्जुन सिंह जी के गुरु जी और भारत के जितने भी राजनीतिक लोग हैं पुराने उनके बहुत ही उनके भक्त शक्ति प्राप्त करते थे ऊर्जा प्राप्त करते थे.

अध्यात्मिक साधना प्राप्त करते थे तो निश्चित रूप से बहुत समय से बहुत वर्षों से मन की इच्छा थी । श्रीमहंत नारायणगिरि जी महाराज ने बताया मोनी बाबा समाधि के दर्शन कर भोजन प्रसाद ग्रहण किया गया।परम पूज्य श्रीश्री मौनी बाबा के दर्शन करने से तपस्या, साधना, भक्ति के एकसाथ दर्शन हो थे। मौनी बाबा अपने भक्तों की आस्था का केंद्र थे। वे सतत मौन रहते तथा शिष्यों का मार्गदर्शन करते थे। बाबाश्री के कठोर तप से मौनतीर्थ गंगा घाट का वातावरण चमत्कारिक शांति व प्रसन्नता प्रदान तो करता ही है, एक नई ऊर्जा का अहसास भी हमें कराता है। उनके दर्शन के पश्चात जीवन के अनेक प्रसंगों में शुभ परिवर्तन के संकेत भक्तों को समय-समय पर मिलते थे। कहा जाता है कि परम पूज्य मौनी बाबा के दर्शन जीवन में अत्यंत दुर्लभ क्षणों में होते हैं। उनके आशीर्वाद के लिए भक्त देश-विदेश से यहां पहुंच ही जाते थे। ब्रह्मलीन पूज्य मौनी बाबा ब्रह्मर्षि तथा तपस्यारत योगी थे। उनका प्रत्येक भक्त उनके आशीर्वाद के पश्चात हुए चमत्कारों से अभिभूत हो गया ।


एस आर सुथारमीडिया प्रभारी दूधेश्वर नाथ मंदिर गाजियाबाद

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