भगवान दूधेश्वर व भगवान सत्यनारायण की पूजा-अर्चना कर भक्तों ने श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज का आशीर्वाद लियासोमवार, पूर्णिमा व रक्षाबंधन पर्व का शुभ संयोग भक्तों के लिए बहुत शुभ रहेगाः महाराजश्री
गाजियाबादः
सावन के अंतिम सोमवार, पूर्णिमा व रक्षाबंधन पर्व पर सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में भक्तों की भीड उमड पडी। भगवान की पूजा-अर्चना, जलाभिषेक व मंदिर के पीठाधीश्वर, दिल्ली सन्त महामण्डल के राष्ट्रीय अध्यक्ष, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न शहरों से भक्तगण मंदिर पहुंचे। भद्रा के कारण रक्षाबंधन पर भाईयों को राखी बांधने का समय दोपहर 1.32 के बाद का होने के कारण भक्त पहले भगवान की पूजा-अर्चना के लिए मंदिर पहुंचे। मंदिर में रविवार की रात्रि 10 बजे से ही भक्तों की भीड लग गई। भीड के चलते श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने भगवान दूधेश्वर व भगवान सत्यनारायण की पूजा-अर्चना कर मंदिर के कपाट भक्तों के लिए रात्रि 12 बजे संे खुलवाए तो मंदिर परिसर व आसपास का क्षेत्र भगवान दूधेश्वर व सत्यनारायण भगवान के जयकारों से गूंज उठा। प्रातः बजे श्रृंगार व आरती के लिए मंदिर के कपाट बंद हुए। भगवान का दिव्य व भव्य श्रृंगार हुआ। प्राचीन देवी मंदिर दिल्ली गेट के महंत गिरीशानंद गिरी महाराज ने धूप-आरती की व भगवान को भोग लगाया जिसके बाद फिर से जलाभिषेक का सिलसिला शुरू हो गया। भक्तों ने भगवान शिव, भगवान सत्यनारायण, भगवान राम, भगवान कृष्ण, गणेश जी व मंदिर मंें विराजमान सिद्ध गुरू मूर्तियों को राखी बांधी। भक्तों ने महाराजश्री से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद लिया।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना, उनके बडे भाई दिनेश रैना नंे भी भगवान की पूजा-अर्चना व अभिषेक कर महाराजश्री का आशीर्वाद प्राप्त किया। दिल्ली-एनसीआर के कई बडे उद्योगपतियों, जज, वकील, व्यापारियों व नंेताओं ने भी पूजा-अर्चना की। श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने कहा कि सावन मास के अंतिम सोमवार को पूर्णिमा भी है और रक्षाबंधन का पर्व भी है।
भगवान शिव-भगवान विष्णु:-
सोमवार का दिन भगवान शिव को अर्पित है तो वहीं पूर्णिमा भगवान विष्णु व उनके अवतार भगवान सत्यनारायण को अर्पित है। पूर्णिमा के दिन व्रत रखकर भगवान सत्यनारायण की पूजा-अर्चना करने से हर प्रकार का कष्ट दूर होता है और जीवन में सफलता मिलती है तथा धन-धान्य,सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। वहीं सोमवार का व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा-अर्चनाकरने व जलाभिषेक करने से भगवान शिव की कृपा भक्तों पर बरसती है। जन्म-जन्मांतर के पाप तक मिट जाते हैं और हर मनोकामना पूर्ण होती है।
भगवान शिव व भगवान सत्यनारायण की कृपा एक साथ :-
भगवान शिव व भगवान सत्यनारायण की कृपा एक साथ प्राप्त करने का ऐसा दुर्लभ संयोग वर्षो में बना है। इस बार का सावन मास सोमवार से शुरू हुआ और सोमवार को ही इसका समापन हुआ। मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए उमडी हजारों भक्तों की भीड को देखते हुए जिला व पुलिस प्रशासन, नगर निगम की ओर से विशेष व्यवस्था की गई। मंदिर के स्वयंसेवकों व सेवादारों ने भी पूर्ण सहयोग किया। महाराजश्री ने कहा कि पूरे सावन मास में ही जिला व पुलिस प्रशासन, नगर निगम की ओर से जो व्यवस्था की गई, उसके चलते मंदिर में देश भर से लाखों की संख्या में भक्त आए और जलाभिषेक के दौरान उन्हें कोई दिक्कत नहीं हुई। इसके लिए उन्होंने जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह, पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्र, महापौर सुनीता दयाल, नगर आयुक्त विक्रमादित्य मलिक समेत सभी अधिकारियों, कर्मचारियों, सफाई मित्रों तथा मंदिर के स्वयंसेवक व सेवादारों का धन्यवाद किया।