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जानें नवरात्रि की तिथि, कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि-Chaitra Navratri 2022

जय दूधेश्वर महादेव

हिंदू कालगणना के अनुसार हिंदू वर्ष का चैत्र महीना बहुत ही खास होता है क्योंकि यह माह हिंदू नववर्ष का पहला महीना होता है। चैत्र माह से हिंदू नववर्ष आरंभ हो जाता है। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि हिंदू नववर्ष का पहला दिन माना जाता है। चैत्र प्रतिपदा तिथि को गुड़ी पड़वा भी कहते हैं। इसके अलावा इस तिथि पर चैत्र नवरात्रि भी आरंभ हो जाते हैं। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि को वर्ष प्रतिपदा, उगादि और गुड़ी पड़वा कहा जाता है। वैसे तो पूरी दुनिया अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार नया साल जनवरी के महीने से शुरू हो जाता है,लेकिन वैदिक हिंदू परंपरा और सनातन काल गणना में चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर नववर्ष की शुरुआत होती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन ब्रह्राजी ने समस्त सृष्टि की रचना की थी इसी कारण से हिंदू मान्यताओं में नए वर्ष का शुभारंभ होता है।

नवरात्रि के नौ दिनों तक हर रोज मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। हर स्वरूप की पूजा का अलग-अलग महत्व और तरीका है। जानें किस तिथि के दिन मां के किस स्वरूप की पूजा की जाएगी।

  • चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा – 02 अप्रैल 2022– मां शैलपुत्री की पूजा और घटस्थापना
  • चैत्र नवरात्रि दूसरा दिन – 03 अप्रैल 2022– मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
  • चैत्र नवरात्रि तीसरा दिन – 04 अप्रैल 2022– मां चंद्रघंटा की पूजा
  • चैत्र नवरात्रि चौथा दिन – 05 अप्रैल 2022– मां कुष्मांडा की पूजा
  • चैत्र नवरात्रि पांचवां दिन – 06 अप्रैल 2022– मां स्कंदमाता की पूजा
  • चैत्र नवरात्रि छठा दिन – 07 अप्रैल 2022– मां कात्यायनी की पूजा
  • चैत्र नवरात्रि सातवां दिन – 08 अप्रैल 2022– मां कालरात्रि की पूजा
  • चैत्र नवरात्रि आठवां दिन – 09 अप्रैल 2022– मां महागौरी की पूजा, दुर्गाष्टमी
  • चैत्र नवरात्रि नवां दिन – 10 अप्रैल 2022 – रामनवमी
  • चैत्र नवरात्रि दसवां दिन – 11 अप्रैल 2022, नवरात्रि व्रत का पारण

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त:-

नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि यानी कि पहले दिन 2 अप्रैल को सुबह 06 बजकर 01 मिनट से सुबह 08 बजकर 31 मिनट तक के बीच का समय कलश स्थापना के लिए शुभ है। वहीं कलश स्थापना का अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 50 मिनट तक है। भक्त इस मुहूर्त में भी घट स्थापना कर सकते हैं।

पूजा विधि

नवरात्रि के पहले दिन सुबह जल्दी उठकर गंगाजल मिले पानी से स्नान करें। साफ कपड़े पहनें और फिर मंदिर साफ करें। चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं और इसपर मां की मूर्ति या चित्र लगाएं। अब साफ मिट्टी में जौ बोकर इस पर कलश स्थापित करें। इसके बाद मां का आह्वाहन करें फिर मंत्र और आरती का पाठ करें।  

15 दिवसीया राजस्थान जन जागरण धर्म यात्रा:-


ठिकाना रावला आहोर राजमहल‌ राजमाता निवास जालोर राजस्थान में प्राचीन मन्दिर चमुण्डा माता मन्दिर में  चैत्र नवरात्र शत् चण्डी यज्ञ , मलीनाथ जी जासोल रानी भटियानी माता मन्दिर रूपादेव पलियाना तिलवाड़ा में वार्षिक मेला उत्सव 30/31 मार्च , राजस्थान यात्रा 29 मार्च मंगलवार से प्रारम्भ हो गई है ,जिसमें हिन्दू नव‌वर्ष एवं नव‌संवत्सर चैत्र नवरात्र में जन जागरण यात्रा शक्ति अर्जित उपासना ,लोगों में भक्ति भाव जागृत हो माता की उपासना करके शक्ति अर्जित करें , वैश्विक महामारी कोरोना को समाप्त होने के उपरांत अपने जीवन को पहले जैसे शान्ति समृद्धि प्राप्त करने के लिये उपासना साधना मां भगवती का ध्यान पूजन अनिवार्य है , इसलिए श्रीमहन्त नारायण गिरि जी महाराज दूधेश्वर पीठाधीश्वर गाजियाबाद अन्तर्राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा 15 दिवसीय जन जागरण राजस्थान धर्म यात्रा में है 15 दिन राजस्थान में रहने वाले हैं ,जिसमें मां चामुण्डा मन्दिर आहोर के चरणों में नवरात्रि यज्ञ शत् चण्डी पाठ जाप रहेगा ,भक्तों को महाराज श्री के दर्शन , आशीर्वाद के लिये इस नम्बर पर सम्पर्क करें :-9412223911           

       

हर हर महादेव 
विश्व संवाद सम्पर्क सचिवअमित कुमार शर्मा श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मठ मन्दिरगाजियाबाद उत्तर प्रदेश

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